नईदिल्ली: सत्ता से बाहर जाने के बाद भी दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल पर बहस जारी हैं। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री प्रवेश वर्मा को अरविंद केजरीवाल की एक धरोहर (पेन) ड्राेज में मिल गई, जिसे उन्होंने लौटाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया। दरअसल अरविंद केजरीवाल अपनी सादगी दिखाने के लिए पांच रुपये का पेन अपनी शर्ट की ऊपरी जेब में लगाते थे, लेकिन वह शीशमहल में जाने के बाद उस सादगी को वहीं छोड़ गए। जिसे दिखाते हुए प्रवेश वर्मा ने शुक्रवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि आम आदमी के मुख्यमंत्री जो पांच रुपये की पेन रखते थे, और करोड़ों के शीशमहल में रहते थे, उन्होंने अपना पेन यहीं छोड़ दिया, उसे कृपया सम्मान लौटा दिया जए।
केजरीवाल को घेरा
पहले केजवरीवाल बीजेपी नेताओं को दिन रात कोसते थे, अब वह बीजेपी नेताओं के निशाने पर आ गए है। शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री प्रवेश वर्मा ने उनके हर दावे, हर सपने का जवाब दिया।बोले वे दिल्ली को लंदन-पेरिस बनाना चाहते थे, वे बना तो नहीं पाए, उन्होंने दिल्ली को मयखाना की राजधानी बना दिया। हर जगह शराब की दुकान खोली, स्कूल, कॉलेजों के सामने भी शराब की दुकान खुलवाने से परहेज नहीं किया, यहां तक कि अपने शीशमहल में भी बार बनवा डाला।
प्रवेश वर्मा ने कहा, ‘जब मैं आया सुबह तो नीचे दराज में देखातो ये पेन (Kejriwal’s pen))पड़ा हुआ था, इसे वो अपनी शर्ट के ऊपर लगाकर घूमते थे, इसी चेयर पर बैठते थे, शायद वे ये पेन भूल गए हैं। मैं आपको दूंगा, आप उन्हें वापस लौटा देना. वे शर्ट पर 5 रुपये का पेन लगाते थे, और रहते थे शीशमहल में. जब आप वहां जाएंगे, तो लगेगा कि दुबई के शेख का महल है, हमारी सरकार बनी तो हमने सीएम हाउस के दरवाजे सबके लिए खोल दिए।
पुराने नेताओं में कभी इतना गुमान नहीं देखा
प्रवेश वर्मा ने कहा, हमारी सरकार का संकल्प है दिल्ली की सड़कों पर विकास दिखाई देगा. जब मैं केजरीवाल को देखा था तो सोचता था क्योंकि मैं अपने पिताजी को भी देखा, मदनलाल खुराना जी को भी देखा, सारे नेताओं को देखा. कभी उनमें गुमान नजर नहीं आया। 2 महीने में केजरीवाल ने दिल्ली को धर्म में बांट दिया. यह जाट है, यह बनिया है, यह राजपूत है. लेकिन हम कुछ नहीं है. हम सिर्फ दिल्लीवासी हैं, हमें दिल्ली का विकास चाहिए। अपने बच्चों की झूठी कसमें खाने वाले सत्ता के लिए इतने नीचे गिर गए कि कल्पना करना भी आसान नहीं है। उन्होंने कसम खाई थी न तो सरकारी गाड़ी लेंगे और न ही सरकारी बंगला, लेकिन गाड़ियों के काफिले से चलने लगे और रहने के लिए शीशमहल बनवा डाला। झूठे वादों की तो झड़ी लगा दी।
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