- करण जौहर बोले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ना जरूरी
- हमें याद रखना होगा ताजा फलों के जूस और पैक्ड जूस में अंतर होता है
सुप्रिया सिंह, नई दिल्ली: इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स (ICC) ने अपनी 100वीं वर्षगांठ पर फिल्म डायरेक्टर पद्मश्री KaranJohar के साथ फायरसाइड चैट का आयोजन किया. इस खास बातचीत में ICC के अध्यक्ष और जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल और सारेगामा की उपाध्यक्ष अवर्णा जैन ने भाग लिया. चर्चा के दौरान भारतीय सिनेमा के बदलते परिदृश्य, रचनात्मकता के महत्व और फिल्म जगत में डिजिटल क्रांति पर गहन विचार साझा किए गए।
बॉलीवुड के प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता KaranJohar ने कहानी कहने की कला, डिजिटल युग में फिल्म निर्माण और भारतीय सिनेमा के भविष्य पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और प्राकृतिक बुद्धि के बीच अंतर को समझाते हुए कहा कि AI को अपनाना और उसके साथ आगे बढ़ना अब अनिवार्य हो गया है. लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) है, जबकि हमारी प्राकृतिक बुद्धि (Natural Intelligence) की अपनी विशिष्टता और महत्व है। ताजा संतरे के रस और डिब्बाबंद संतरे के रस में फर्क होता है। हां, डिब्बाबंद रस को अधिक व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन ताजगी और शुद्धता केवल प्राकृतिक रस में ही होती है. हम वही ताजा संतरे का रस हैं, और यह हमारी असली ताकत है।
भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक शक्ति
कार्यक्रम में ICC के अध्यक्ष और जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने भारतीय सिनेमा और संगीत उद्योग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि दशकों से, सिनेमा और संगीत ने हमें न केवल मनोरंजन दिया है, बल्कि भारत के सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों को भी दर्शाया है। यह हमें प्रेरित करता है, आगे बढ़ने का हौसला देता है, और एक आत्मनिर्भर भारत का सपना देखने की शक्ति प्रदान करता है
जीडीपी हमारी आर्थिक ताकत को दर्शाती है, जबकि फिल्म और संगीत हमारी भावनाओं, आकांक्षाओं और सामूहिक भविष्य के प्रति अटूट विश्वास को परिभाषित करते हैं. 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में, हमारी सांस्कृतिक अभिव्यक्ति वैश्विक मंच पर हमारी पहचान को मजबूत बनाएगी। इस आयोजन में नीति-निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं और रचनात्मक पेशेवरों ने भाग लिया. ICC के सांस्कृतिक एवं रचनात्मक उद्योगों (Orange Economy) को बढ़ावा देने के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया।
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