मुंबई में डायबिटीज के मामलों में खतरनाक स्तर की बढ़ोतरी, बचने के लिए विशेषज्ञों ने दी यह सलाह

बिजनेस डेस्क, मुंबई: मुंबई में डायबिटीज (मधुमेह) से संबंधित मौतों में भारी वृद्धि हो रही है, जिससे स्पष्ट है कि यह बीमारी जनस्वास्थ्य के लिए एक बहुत बड़ा संकट बन गयी है। प्रजा फाउंडेशन की एक हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि 2014 से 2022 के बीच, डायबिटीज के कारण 91,318 लोगों की मौत हो गई। अकेले 2022 में 14,207 लोगों की मौत इस बीमारी से हुई जो 2014 के मुकाबले काफी अधिक है, जब सिर्फ 2,544 लोगों की मौत मधुमेह या उससे जुड़े करणों की वजह से हुई थी ।

वयस्क भी डायबिटीज से पीड़ित

डायबिटीज की महामारी केवल मुंबई तक सीमित नहीं है। द लैंसेट के अनुसार, 2022 में दुनिया भर में 828 मिलियन से अधिक वयस्क डायबिटीज से पीड़ित थे, जिनमें से एक चौथाई से अधिक मामले (212 मिलियन) भारत के थे।इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए, अधिकांश रोगी गोलियों पर निर्भर रहते हैं या इंसुलिन इंजेक्शन लेते हैं।शोध से स्पष्ट होता है कि मामले बढ़ रहे हैं लेकिन साबुत अनाज, फल-सब्जियों वाले (प्लांट बेस्ड) आहार को अपनाने से टाइप 1 और टाइप 2 दोनों किस्म के डायबिटीज के रोगियों के स्वास्थ्य परिणामों में काफी सुधार हुआ है।

टाइप 1 डायबिटीज के एक अध्ययन में, रोगियों ने कैलोरी या कार्बोहायड्रेट पर बिना कोई प्रतिबंध लगाए सिर्फ़ कम वसा वाले प्लांट बेस्ड आहार का पालन किया। सिर्फ़ कुछ ही हफ़्तो में उनकी इंसुलिन सेंसिटिविटी 127% तक बढ़ी हुई पाई गयी। डायबिटीज में इंसुलिन सेंसिटिविटी कम हो जाती है। जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।

महामारी बन रही डायबिटीज

इसी तरह, टाइप 2 डायबिटीज पर एक अध्ययन में पाया गया कि ऐसा आहार लेने वाले रोगियों में रोग के लक्षण में कमी या रोग के दूर होने की संभावना है जबकि पहले ऐसा कुछ हो पाना असंभव माना जाता था।डॉ. ज़ीशान अली, पीएचडी और फ़िज़ीशियंस कमेटी फॉर रिस्पॉन्सिबल मेडिसिन (पीसीआरएम) में अनुसंधान कार्यक्रम विशेषज्ञ, ने डी वाई पाटिल विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म स्टडीज में एक सत्र के दौरान इस पर ज़ोर दिया। 130 से अधिक पाक कला के छात्रों और शिक्षकों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मुंबई में बढ़ती डायबिटीज की महामारी बस आंकड़ा भर नहीं है बल्कि यह चेतावनी है। डॉक्टरों, नर्सों, पोषण विशेषज्ञों और पाक कला के भावी विशेषज्ञों को इस जानकारी से लैस होना चाहिए कि साबुत अनाज, फल-सब्जियों वाले (प्लांट बेस्ड) आहार सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।”

गैर-संचारी रोग

निवारक चिकित्सा की वकालत करने वाला गैर-लाभकारी संगठन, पीसीआरएम पोषण और जीवनशैली में बदलाव के ज़रिये गैर-संचारी रोगों के प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने में सक्रिय योगदान दे रहा है। मुंबई में डायबिटीज के बढ़ते संकट पर तुरंत पहल की ज़रूरत है। फल-सब्जियों वाले (प्लांट बेस्ड) आहार और जीवनशैली में थोड़े बदलाव से इस महामारी को कम करने और शहर भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों को बदलने में मदद मिल सकती है।

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