हसी के पीछे गहरी नाराजगी: यूपी में सम्मानजनक सीट नहीं मिलने पर कांग्रेस उपचुनाव से हटी

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Deep resentment behind the laughter: Congress withdrew from the by-elections after not getting a respectable seat in UP.
अगर कांग्रेस सपा पर और सीट के लिए दबाव बनाएगी तो उसे उसके लिए महाराष्ट्र में अधिक सीटे छोड़नी पड़ेगी।

लखनऊ। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए बना मजबूत इंडिया गठबंधन विधानसभा चुनाव में बेपटरी हो गया। जिस राज्य में जो पार्टी मजबूत है वह दूसरे दल को भाव नहीं दे रहा है, इसलिए इंडिया गठबंधन में दरार पड़ती नजर आ रही है। जब हरियाणा में कांग्रेस ने सपा को भाव नहीं दिया तो सपा ने यूपी विधानसभा उपचुनाव में सपा ने भाव नहीं दिया। कांग्रेस भी सपा से कोई मोलभाव नहीं कर रही हैं, क्योंकि अगर वह सपा पर और सीट के लिए दबाव बनाएगी तो उसे उसके लिए महाराष्ट्र में अधिक सीटे छोड़नी पड़ेगी, इसलिए कांग्रेस ने यूपी में उपचुनाव से दूरी बनाना ही उचित समझा।

कांग्रेस के उपचुनाव नहीं लड़ने के फैसले से साफ है कि सपा से मिली दो सीटों से पार्टी संतुष्ट नहीं थी। कांग्रेस यूपी विधानसभा उपचुनाव में मझवां, फूलपुर, गाजियाबाद, खैर और मीरापुर सीट मांग रही थी। सपा ने गाजियाबाद और खैर सीट छोड़ी। कांग्रेस ने असंतुष्टि जताई। इस बीच सपा की ओर से कहा गया कि फूलपुर सीट भी दे सकते हैं, लेकिन बुधवार को यहां से सपा के मुज्तबा सिद्दीकी ने पर्चा दाखिल कर दिया।

इसलिए कांग्रेस ने किया सरेंडर

इसके बाद दिल्ली पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने शीर्ष नेतृत्व को पूरी स्थिति बताई। देर रात सपा ने सोशल मीडिया पर एलान किया कि पार्टी सभी नौ सीट पर चुनाव लड़ेगी। बृहस्पतिवार दोपहर बाद दिल्ली में कांग्रेस ने कहा कि भाजपा को हटाने के लिए सीट नहीं, जीत जरूरी है। बता दें कि सपा का प्रदेश नेतृत्व भले ही गठबंधन कायम होने की बात कह रहा है, लेकिन हालात कुछ और ही हैं। फूलपुर सीट से कांग्रेस के सुरेश यादव का पर्चा दाखिल करना इसका प्रमाण है। सपा की ओर से सीटें नहीं मिलने से कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेता ही नहीं, बल्कि कई सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाले भी खफा हैं।बता दें अब कांग्रेस नए सिरे से विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी करेगी ताकि गठबंधन की जरूरत पड़ने पर सपा से आमने-सामने बैठकर बात कर सके।

महाराष्ट्र फैक्टर का भी असर

कांग्रेस के यूपी में विधानसभा उपचुनाव से किनारा करने के पीछे महाराष्ट्र फैक्टर भी माना जा रहा है। महाराष्ट्र चुनाव को लेकर महा विकास अघाड़ी में सीट बंटवारे पर सहमति बन गई है। कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना (ठाकरे) के बीच 85-85 सीट पर रजामंदी बनी है। वहीं, सपा समेत अन्य सहयोगी दलों को 18 सीटें देने की बात हुई है। यहां सपा 12 सीटें मांग रही है और पांच पर उम्मीदवार उतार चुकी है।

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