लखनऊ। अभी तक मुसलमानों से परहेज करने वाली भाजपा ने अब रणनीति बदल दी हैं। चुनावाें में मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट देने के साथ ही अब उन्हें पार्टी से जोड़कर उनके अंदर व्याप्त भय को दूर करने की कोशिश की जा रही हैं। लोकसभा चुनाव में केरल से मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान मेंं उतारा था। अब विधानसभा के उपचुनाव में एक मुस्लिम प्रत्याशी उतारने की चर्चा है। सदस्यता अभियान के दौरान भाजपा अन्य जातियों के साथ ही मुस्लिमों को भी पार्टी से जोड़ेगी। पार्टी ने तय किया है कि 5 लाख मुसलमानों को सदस्य बनाया जाएगा।
सदस्यता अभियान को लेकर गुरुवार को राजधानी में भाजपा मुख्यालय के साथ ही अलग-अलग स्थानों पर अल्पसंख्यक मोर्चा और किसान मोर्चा ने भी बैठक करके अभियान की रणनीति पर चर्चा की। गांधी भवन में आयोजित अल्पख्यंक मोर्चा की कार्यशाला में पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने संबोधित करते हुए उन्होंने मुसलमानों से भाजपा से नफरत करने की सोच को बदलने की अपील की।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अल्पसंख्यक समाज को सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा कि कुछ सियासी सामंती सूबेदार संविधान, लोकतंत्र, सेक्यूलरिज्म और अल्पसंख्यकों पर खतरे के भय-भ्रम और भौकाल से देश के अल्पसंख्यकों को प्रगति की धारा से अलग करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि सेक्युलर सिंडिकेट मुसलमानों के वोटों को अपनी जागीर समझ बैठा है। हमें सोशल नेटवर्किंग साइट्स के सांप्रदायिक, समाज तोड़ने वाले दुष्प्रचार से भी सचेत रहना होगा। वहीं वक्फ संशोधन विधेयक को वक्त की जरूरत बताते हुए कहा कि जेपीसी में चल रहे मंथन से अमृत जरूर निकलेगा।
जिला स्तर पर टीम गठित
अल्पसंख्यक मोर्चा की कार्यशाला में पांच लाख मुसलमानों को भाजपा का सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सदस्यता अभियान में पांच हजार अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को उतारा जाएगा। भाजपा से मुसलमानों को जोड़ने के लिए मंडल और जिला स्तर पर टीम का गठन कर दिया गया है। कार्यशाला में बताया गया कि अभियान के दौरान मौलाना के अलावा तलाकशुदा महिलाओं और सरकारी योजनाओं की लाभ लेने वाले मुस्लिम लाभार्थियों और प्रबुद्ध वर्ग को पार्टी से जोड़ने पर विशेष फोकस किया जाएगा।