विधानसभा चुनाव का एलान: जम्मू कश्मीर में तीन चरण, हरियाणा में एक चरण में मतदान, चार अक्तूबर को नतीजे

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर और हरियाणा में विधान सभा चुनाव का एलान कर दिया। ईसी की प्रेस क्रांफ्रेस के अनुसार हरियाणा में एक चरण में और जम्मू कश्मीन में तीन चरण में मतदान हो गया। दोनों राज्यों के परिणाम चा अक्तूबर कोआएंगे। जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्तूबर को तीन चरण में मतदान।

हरियाणा में भी होंगे चुनाव

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “हरियाण में 90 निर्वाचन क्षेत्र हैं। यहां 2.01 करोड़ मतदाता होंगे। इनमें 10,321 मतदाता शतायु हो चुके हैं। हरियाणा में 10,495 स्थानों पर 20,629 मतदान केंद्र होंगे। एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की औसत संख्या 977 होगी। 125 मतदान केंद्रों की कमान महिलाओं के हाथों में होगी।जम्मू-कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्र हैं। यहां 87.09 लाख मतदाता हैं। 44.46 लाख पुरुष और 42.63 लाख महिला मतदाता होंगी। यहां पहली बार मतदान करने वालों की संख्या 3.71 लाख होगी। साथ ही कुल 20 लाख से ज्यादा युवा मतदाता होंगे।

20 लाख युवा मतदाता

जम्मू-कश्मीर में चुनाव के दौरान पुनर्मतदान की जरूरत नहीं पड़ी। कोई बड़ी हिंसा नहीं हुई। गड़बड़ी रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर में 100 करोड़ रुपये मूल्य की जब्ती भी हुई थी। जम्मू-कश्मीर में 90 निर्वाचन क्षेत्र हैं। यहां 87.09 लाख मतदाता हैं। 44.46 लाख पुरुष और 42.63 लाख महिला मतदाता होंगी। यहां पहली बार मतदान करने वालों की संख्या 3.71 लाख होगी। साथ ही कुल 20 लाख से ज्यादा युवा मतदाता होंगे।

Assembly elections announced: Voting in three phases in Jammu and Kashmir, one phase in Haryana, results on October 4

शांति पूर्ण हुआ था लोकसभा चुनाव

बता दें कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हाल ही में चुनाव हुए है। जम्मू कश्मीर के बारे में पहले जिक्र करें तो आपको याद होगा कि लोकसभा चुनाव के दौरान वहां मतदान केंद्रों पर लंबी-लंबी कतारें जम्हूरियत की ताकत का बेहतरीन उदाहरण पेश करती हैं। जम्हूरियत की ऐसी झलक बताती है कि आवाम अपनी तकदीर बदलना चाहता है और तकदीर को खुद लिखना चाहता है। यह बुलेट पर बैलट की जीत है।

कश्मीर की घाटी के तीन निर्वाचन क्षेत्रों में अच्छा मतदान हुआ। घाटी ने हिंसा को नकारा और बुलेट और बहिष्कार के बदले बैलेट को चुना। कश्मीरी प्रवासियों के लिए अलग से विशेष व्यवस्था की गई थी ताकि हर नागरिक को पूरा अवसर मिला। तब सरलीकरण किया गया था। तब फॉर्म एम में ढील दी गई थी।

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