बरेली। बरेली के नवाबगंज में तिरंगे के साथ भीम आर्मी का झंडा टांगने का ग्रामीणों ने विरोध करते हुए नायब तहसीलदार से शिकायत की। जिसके बाद तहसील प्रशासन ने पुलिस के सहयोग से झंडे को उतरवा दिया। जिसके विरोध में ग्रामीणों ने आधी रात तक थाने में बैठे। कोई सुनवाई होने पर पलायन करने की धमकी देकर चले गए। हाफिजगंज के ग्राम पंचायत सचिवालय पर लगे राष्ट्रीय ध्वज के नीचे कुछ लोगों ने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की फोटो लगा ध्वज टांग दिया। जिस पर एक वर्ग के लोगों ने इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बताते हुए अधिकारियों से शिकायत कर दी। शिकायत पर मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंचे नायब तहसीलदार ने बाबा साहेब के चित्र वाले झंडे को उतरवाकर मालखाने में रखवा दिया। जिसका विरोध कर रहे भीम आर्मी के पदाधिकारी महिलाओं के साथ थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए।
थाने में हंगामा
हाफिजगंज के ग्राम बकैनिया के ग्राम सचिवालय के भवन पर लगे राष्ट्रीय ध्वज के दंड में ही कुछ ग्रामीणो ने भीमराव आंबेडकर के चित्र वाला एक ध्वज भी लगा दिया। जिस पर गांव के ही एक वर्ग ने एतराज करते हुए इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बताते हुए इसकी शिकायत पुलिस से कर दी। जिस पर सकते में आयी पुलिस ने उच्च अधिकारियों को जानकारी दी, कुछ ही देर में नायब तहसीलदार अरविन्द शर्मा हाफिजगंज पुलिस के साथ स्थल पर पहुंच गए और इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बताते हुए ग्रामीणो को समझाने का प्रयास किया लेकिन दलित समुदाय के लोग बाबा साहेब का ध्वज उतारने पर ग्राम से पलायन करने की धमकी देते हुए विरोध पर अड़ गए।
ध्वज संहिता का हवाला
देर तक चली बहश के बाद नायब तहसीलदार ने ध्वज संहिता का हवाला देते हुए किसी भी सरकारी इमारत पर राष्ट्रीय ध्वज के अलावा अन्य कोई भी ध्वज फहराना संविधान विरोधी बताते हुए एक ग्रामीण को समझाबुझाकर बाबा साहेब का ध्वज उतरवाकर अम्बेडकरवादी ग्रामीणों को सौंपने का प्रयास किया लेकिन इसका विरोध कर रहे ग्रामीण इस पर सहमत नही हुए और इनके सहमत न होने पर उसे सम्मान के साथ अपराध निरीक्षक अर्जुन सिंह को सौंप इसे हाफिजगंज थाने के मालखाने में जमा करा दिया।
ध्वज संहिता में स्पष्ट उल्लेख है कि राष्ट्रीय ध्वज के साथ किसी भी ध्वज को नही लगाया जा सकता। गांव में ध्वज लगाने को लेकर जानकारी की गई कोई समाने नही आया। किसी के सामने न आने पर बाबा साहब के फोटो लगे झंडे को पुलिस ने ससम्मान उतरवा कर माल खाने में जमा करवा दिया गया है।
– अरविंद शर्मा, नायाब तहसीलदार
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