हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी के हत्यारोपी को मिली जमानत, पत्नी ने मांगी इच्छामृत्यु

लखनऊ। पांच साल पहले दिन दहाड़े हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी के हत्यारोपी को जमानत मिलने पर संगठन के पदाधिकारियों में आक्रोश जताया। शुक्रवार को कमलेश तिवारी की पत्नी पत्नी किरण तिवारी संगठन के पदाधिकारियों के साथ परिवर्तन चौक पर पहुंची,और सैय्यद असीम अली को फांसी दो के नारे लगाने लगी। किरण ने कहा कि अगर आरोपी की जमानत निरस्त नहीं की गई तो वह सुप्रीम कोर्ट के बाहर धरने पर बैठ जाएंगी। फिर भी जमानत निरस्त नहीं की गई तो सरकार उन्हें इच्छामृत्यु की इजाजत दें। इस दौरान किरण तिवारी ने अपनी मांगों को लेकर लखनऊ पुलिस के माध्यम से राजपाल को ज्ञापन भी सौंपा है।

कमलेश तिवारी

बता दे कि लखनऊ में 18 अक्टूबर 2019 को हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उनके कार्यालय में जाकर चाकू और गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद नाका थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन सितम्बर 22 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केस को लखनऊ से प्रयागराज स्थानांतरित कर दिया गया था। हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपित सैय्यद आसिम अली को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश सुनाया है। आरोपित की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी गई थी।

हाईकोर्ट ने आरोपित आसिम अली की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, शीर्ष अदालत ने दलील पेश की कमलेश तिवारी हत्याकांड के 13 में 08 आरोपितों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। इसके आधार पर सैय्यद आसिम अली को जमानत दी गई है। इस मामले में अब तक कुल नौ आरोपितों को जमानत दे दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कमलेश तिवारी हत्याकांड में शामिल सैय्यद आसिम अली की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।

नईम काजमी ने जारी किया था फतवा 

बता दें कि वर्ष 2016 में सोशल मीडिया पर पैगम्बर मोहम्मद साहब के खिलाफ आपत्तिजनक टीका-टिप्प्णी किए जाने का मामला सामाने आया था। इसको लेकर मुफ्ती नईम काजमी और इमाम मौलाना अनवारूल हक ने फतवा जारी कर कमलेश तिवारी की हत्या करने वाले पर 51 लाख और डेढ़ करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था। इसके बाद दिनदहाड़े हिंदू समाज पार्टी के कार्यालय में कमलेश तिवारी की हत्या कर दी गई थी। कमलेश तिवारी हत्याकांड 13 आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में चार्ज शीट दाखिल की गई। जिसमें दो नामजद समेत दो अज्ञात लोगों पर हत्या का आरोप था। शेष लोगों पर षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप था।

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