नईदिल्ली- पुरी। कांग्रेस को देश के चारों तरफ से झटका लग रहा है। पहले सूरत इसके बाद इसके बाद इंदौर अब पुरी से कांग्रेस प्रत्याशी ने मैदान छोड़ दिया, इससे बीजेपी को एक तरफ से वॉक ओवर मिल गया हैं, अब उसके सामने कोई दमदार प्रत्याशी नहीं है।पुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने आर्थिक कारणों का हवाला देते हुएनाम वापस ले लिया है। वहीं शुक्रवार को ही सात दिन पहले दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का पद राजकुमार चौहान, नीरज बसोया, अमित मलिक और नसीब सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए। इन सभी को आज भाजपा मुख्यालय में दिल्ली प्रदेश वीरेंद्र सचदेवा ने पार्टी में शामिल किया। बता दें कि 28 अप्रैल को ही लवली ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था।
सुचारिता मोहंती ने टिकट लौटाया
सुचारिता मोहंती ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी का टिकट लौटा दिया और दावा किया कि उन्हें पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने के लिए कोई पैसा नहीं दिया गया है। सुचारिता मोहंती ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को ईमेल भेजा है, जिसमें उन्होंने लिखा कि वह सांसद का टिकट लौटा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुचारिता मोहंती ने लिखा कि पुरी लोकसभा सीट पर हमारा चुनाव प्रचार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है क्योंकि पार्टी ने मुझे चुनाव के लिए फंडिंग देने से इनकार कर दिया। ओडिशा कांग्रेस के प्रभारी डॉ अजॉय कुमार ने मुझे खुद ही चुनाव प्रचार का खर्चा उठाने को कहा।
लिखा- कांग्रेसी मूल्य मेरे डीएनए में
सुचारिता मोहंती ने लिखा कि वह एक नौकरीपेशा पत्रकार रहीं, जो 10 साल पहले ही राजनीति में सक्रिय हुईं। मैंने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकी और चुनाव प्रचार के लिए लोगों से भी दान लेने की कोशिश की, लेकिन उसमें भी सफलता नहीं मिली। मैंने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से भी अपील की कि वह पार्टी फंड से जरूरी फंडिंग करें ताकि पुरी लोकसभा सीट पर प्रभावशाली प्रचार किया जा सके। मोहंती ने लिखा कि सिर्फ फंड की कमी ही हमें पुरी लोकसभा सीट जीतने से रोक सकती है क्योंकि मैं अपने दम पर चुनाव प्रचार जारी रखने में सक्षम नहीं हूं। मोहंती ने पार्टी टिकट लौटाते हुए कहा कि वह एक कांग्रेसी महिला हैं और कांग्रेस के मूल्य उनके डीएनए में हैं। मोहंती ने लिखा कि ‘मैं आगे भी कांग्रेस की सिपाही रहूंगी।’
कांग्रेस का टिकट लौटाने पर सुचारिता मोहंती ने कहा कि ‘मैंने पार्टी का टिकट इसलिए लौटाया क्योंकि पार्टी मुझे फंड देने में सक्षम नहीं है। साथ ही दूसरा कारण ये है कि पुरी लोकसभा की 7 विधानसभा सीटों पर जीतने वाले उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया गया है। कुछ कमजोर उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। ऐसे में मैं ये चुनाव नहीं लड़ सकती।’
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