बिजनेस डेस्क। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, शहरी भारत के 64% की तुलना में ग्रामीण भारत में केवल 29% लोगों की इंटरनेट तक पहुंच है। सीमित डिजिटल पहुंच और आवश्यक कौशल की असमानताओं के इस परिदृश्य में स्पाइस मनी का क्रांतिकारी दखल वित्तीय सेवाओं से भी परे है। सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सुधीर कुमार चौहान की ही बात लीजिए। सुधीर ऐसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं, जो दर्शाते हैं कि स्पाइस मनी प्लेटफॉर्म कैसे समुदायों को बेहतरी के लिए बदल रहा है। स्पाइस मनी अधिकारी के रूप में सुधीर का सफर एक बानगी है कैसे उद्यमशीलता, समर्पण और प्रौद्योगिकी का संयोजन ग्रामीण भारत के विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। यात्रा बुकिंग, रिचार्ज, ऑनलाइन शॉपिंग और विभिन्न सुविधाओं के साथ लोगों की सहायता के लिए दी जाने वाली विविध सेवाओं का लाभ उठाते हुए सुधीर ने 2013 में स्पाइस मनी के साथ हाथ मिलाया।
बिल भुगतान में सहायता
प्लेटफॉर्म के पहले अधिकारियों में से एक के रूप में सुधीर ने स्पाइस मनी के उल्लेखनीय विकास को देखा है। उनकी यात्रा ट्रेन टिकट बुकिंग की सुविधा के साथ शुरू हुई और समय के साथ उन्होंने व्यवसाय में महत्वपूर्ण विस्तार किया, जिसमें टिकट सेवाओं से परे ऋण, बीमा और बिल भुगतान के लिए सहायता शामिल थी। पिछले साल से 4.36 करोड़ की जीटीवी और 2,595 ग्राहकों की औसत मासिक उपस्थिति के साथ सुधीर का पेशेवर विकास एक सर्विस प्रोवाइडर से अपने समुदाय के प्रमुख उद्यमी में उनके रूपांतरण को दर्शाता है। सुधीर के जीवन में परिवर्तन केवल वित्तीय समृद्धि का ही नहीं है; यह समुदाय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। उनकी कड़ी मेहनत और प्रयासों को तब मान्यता मिली जब उन्हें सबसे अधिक संख्या में घरेलू धन हस्तांतरण (डीएमटी) की सुविधा के लिए 2021 में अनमोल अधिकारी रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अनमोल अधिकारी रत्न पुरस्कार से उनकी मान्यता न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि कई लोगों के लिए प्रगति की ओर बढ़ाने के लिए प्रेरणा है।
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