1 मार्च 2024, लखनऊ। यूपी बोर्ड की कक्षा 12 के दो पेपर लीक होने पर नाराजगी व विरोध जाहिर करते हुए छात्र संगठन ए.आई.डी.एस.ओ के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव दिलीप कुमार ने प्रेस बयान के माध्यम से कहा कि, उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक हो रही परीक्षा लीक के मामलों से यह साबित हो रहा है कि परीक्षाओं में गोपनीयता व पारदर्शिता कायम करने में सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है।
सरकार के सारे दावे खोखले हैं। कानून व्यवस्था चौपट है। अभी हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा (UPP) के पेपर लीक का विवाद अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि, अब 29 फरवरी को यूपी बोर्ड की 12वीं कक्षा के गणित के पेपर (कोड 324 FC) और जीव विज्ञान का पेपर (कोड 368 GL) शुरू होने के 1 घंटे में ही आगरा में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। स्पष्ट है कि बिना किसी अवैध मिलीभगत के यह संभव नहीं हुआ होगा !
सरकार की घोर लापरवाही
इस तरह बार-बार पेपर लीक की घटनाओं से जाहिर है कि शासन – प्रशासन के साथ शिक्षा माफियाओं के गठजोड़ होने से परीक्षाओं की निष्पक्षता व सुरक्षा अब नहीं रह गई है। इससे यह पता चलता है कि शिक्षा व्यवस्था घोर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है। जिसके परिणामस्वरूप छात्रों के समय के साथ धन का भी दोहन हो रहा है। अतः सरकार की घोर लापरवाही व प्रशासन की संलिप्तता से हो रही पेपर लीक की आपराधिक घटनाएं घोर निन्दनीय हैं।
छात्रों की मेहनत और परीक्षा की सुचिता के साथ लगातार हो रहे खिलवाड़ अगर नहीं रुके तो छात्र समुदाय आंदोलन के लिए बाध्य होगा। ऑल इण्डिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (ए.आई.डी.एस.ओ) उपरोक्त परीक्षा लीक मामले का विरोध करते हुए मांग करता है कि – यूपी बोर्ड पेपर लीक मामले की उचित जांच कर उसमें शामिल दोषियों पर कठोरतम कार्यवाही की जाए और पेपर लीक की पुनरावृत्ति रोकने हेतु उचित कदम उठाए जाएं।
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