कन्नौज का मुनुआ ने पत्नी और बेटे के साथ मिलकर पुलिस को छकाया, अब उसके घर पर चलेगा बुलडोजर

कन्नौज। कन्नौज जिले का मुनुआ विकास दुबे से कम खूंखार नहीं है, विकास ने तो पूरी गैंग के साथ पुलिस जवानों पर प्राण घातक हमला करके आठ जवानों की जान ले ली थी, लेकिन मुनुआ यादव ने तो केवल पत्नी और बेटे के बल पर ही पुलिस टीम को कई घंटे छकाया,उसकी एक गोली से एक हबलदार की जान चली गई। हालांकि अंधेरा होने पर घर से भागते समय पुलिस ने उसे परि​वार के साथ दबोच लिया। पुलिस को उसके अपराधिक इतिहास की जानकारी थी,इसके बाद भी बिना पूरी तैयारी के उसे गिरफ्तार करने टीम निकल पड़ी, इस लापरवाही की कीमत सिपाही सचिन राठी को जान देकर चुकानी,पड़ी अब मुनुआ और उसके परिवार को क्या सजा होगी, ले​किन सचिन का परिवार तो जीवन भर के लिए बेसहारा हो गया। वहीं प्रशासन अब उसके घर पर बुलडोजर चलाकर धाराशाही करने की तैयारी में है।

घर के चारों तरफ लगा रखा था सीसीटीवी

कन्नौज जिले में विशुनगढ़ थाना क्षेत्र के धरनीधरपुर नगरिया में सोमवार की शाम हुई हिस्ट्रीशीटर और पुलिस की मुठभेड़ में अशोक यादव उर्फ मुनुआ को भी पुलिस की दबिश की सटीक जानकारी थी। वह बेटे और पत्नी के साथ ही पुलिस को मार गिराने क इरादे से फायरिंग करने लगा। इस काम में उसकी पत्नी सीसीटीवी के फुटेज देखकर बताती रहीं वह और उसका बेटा फायरिंग करते रहे। उसने इसी काम के लिए घर के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगा रखे थे।

घर से मिला हथियारों का जखीरा

मुनुआ ने अपने घर में हथियारों का जखीरा जमा कर रखा था।​ गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जब उसके घर को तलाश तो तमंचा, डबल बैरल बंदूक, रायफल के साथ ही अन्य घातक हथियार मिले। जैसे ही पुलिस ने उसके घर पर दस्तक दी, पहले तो उसने हवाई फायरिंग करके डराने की कोशिश की। पत्नी सीसीटीवी से पुलिस पर निगाह रखकर उनकी सूचना पति व बेटे को दो रही थी। दोनों पुलिस पर निशाना साध रहे थे। इसके बाद ताबड़तोड फायर झोंकने शुरू कर दिए।

जांग में गोली लगने से सिपाही की मौत

जैसे ही पुलिस टीम हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए आगे बढ़ी वैसे ही उसने गोली बारी शुरू कर दी। सचिन ने हिम्मत दिखाते हुए जैसे ही कदम बढ़ाया अशोक ने उसको निशाना बनाकर फायर झोंक दिया। गोली उसकी जांघ में लगी तो वह गिर पड़ा। उसके बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग शुरू की। इस बीच सचिन की हालत गंभीर हुई तो पुलिस की एक टीम उसे लेकर अस्पताल चली गई।

बाकी के लोग अशोक को पकड़ने के लिए मोर्चाबंदी करने में लग गए। बीच-बीच में अशोक पुलिस को छकाने के लिए फायरिंग करता रहा। अंधेरा होने पर जैसे ही उसने भागने की कोशिश की, पुलिस की जवाबी गोली में वह और उसका पुत्र जख्मी हो गया। दोनों के गिरते ही पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। उन दोनों की मदद कर रही श्यामादेवी को भी दबोच लिया गया।

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