अवैध संबंधों में गई जान: दोस्त की पत्नी पर आया दिल, आधी रात को मिलने बुलाकर प्रेमिका और उसके पति ने ली जान

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Life lost due to illicit relations: Friend's wife fell in love, girlfriend and her husband took life after calling her to meet at midnight
दोस्त की पत्नी पर मर मिटने वाले युवक सतयांव गांव निवासी अरुणेश की सात माह पहले शादी हुई थी

बांदा। यूपी के बांदा जिले के बबरेरू कोतवाली के रहने वाले एक युवक का दिल अपने दोस्त की पत्नी पर आ गया वह देर सबेर उसके घर आने -जाने लगा। यह देख दोस्त नाराज हुआ उसने उसे पत्नी से दूर रहने की हिदायत भी,लेकिन उसका दिल नहीं माना। इसके बाद युवक ने पत्नी को दबाव में लेकर उसके प्रेमी को रात में गांव के बाहर स्कूल में मिलने बुलाया,जब वह आया तो उसकी पत्नी ने उसके कपड़े उतरवा लिए।

दोस्त ने नायलॉन की रस्सी से उसका गला कस दिया, रस्सी टूटने से जान नहीं निकली तो नुकीली चीज से गले और सीने में वार करके जान ले ली, इसके बाद पति – पत्नी ने शव को झाड़ियों के छिपा कर घर लौट आए। इधर मृतक के घर नहीं लौटने पर परिजन परेशान हो गए काफी खोजबीन के बाद उसका पता नहीं चला तो पुलिस में शिकायत की तो पुलिस तलाीश में युवक का शव स्कूल के पास झाड़ियों में मिला।

सात माह पहले हुई थी मृतक की शादी

दोस्त की पत्नी पर मर मिटने वाले युवक सतयांव गांव निवासी अरुणेश की सात माह पहले शादी हुई थी, उसकी पत्नी पांच माह की गर्भवती ​थी,इसके बाद भी वह दोस्त की पत्नी पर गलत नीयत रखता था, इसी हरकत की वजह से उसकी जान चली गई, वहीं सात माह में ही विधवा होने पर अरूणेश की पत्नी वर्षा मिश्रा की दुनिया ही उजड़ गई उपर से सात माह का उसके पेट में पल रहा बच्चा उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है, कि वह अब क्या करें।

प्रधान से कहकर कॉलोनी भी दिलाई थी

मृतक के बड़े भाई ने बताया ​कि अरूणेश समय – समय पर अपने दोस्त देवेश की आर्थिक रूप से मदद करता था, साथ ही प्रधान से कहकर उसे रहने के लिए कॉलोनी भी दिलाई थी। उन्होंने बताया कि भाई के हत्यारोपी के पत्नी से अवैध संबंध के बारे में उन लोगों को जानकारी नहीं है।अरूणेश के घर और घटनास्थल की दूरी महज 200 मीटर की है। दो दिन से लापता किसान का शव स्कूल के अंदर पड़ा रहा और किसी को भनक तक नहीं लग सकी।

यहां तक की 11 दिसंबर को विद्यालय खुलने पर शिक्षक और छात्रों को भी पता नहीं चल सका। शव स्कूल के पीछे की ओर बनी बाउंड्री के पास बने शौचालय के पास पड़ा रहा।सात माह में ही वर्षा के माथे का सिंदूर उजड़ गया। वर्षा बांदा शहर के अलीगंज मोहल्ले की रहने वाली थी। मई माह में उसकी शादी सतयांव गांव निवासी अरुणेश मिश्रा के साथ हुई थी। वह पांच माह की गर्भवती भी है। पोस्टमार्टम हाउस में वह कभी रोती रही तो कभी गुमशुम अपनी जेठानी अंजना की गोद में सिर रखकर बैठ जाती।

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