लखनऊ । सपा नेता आजम खां का पूरा कुनबा ही सरकारी संपत्ति के गलत उपयोग का दोषी साबित हो रहा हैं, जहां एक तरफ आजम खां, पत्नी और छोटे बेटे के साथ जेल की हवा खा रहे है, दूसरी तरफ उनके द्वारा बनवाए गए शिक्षण संस्थानों में सरकारी धन और संपत्ति का प्रयोग करने पर कार्रवाई हो रही है। अब आजम की बहन निखत अफलाक भी विवादों में आ गई है।
दरअसल उनके नाम नगर निगम ने वर्ष 2007 में रिवर बैंक कॉलोनी में एक विशाल बंगला बेहद ही कम कीमत में अलाट किया था, जिसका खुलासा होने पर उसका आवंटन निरस्त कर दिया गया। इसके विरोध में निखत हाईकोर्ट गईं, तो वहां 24 नवंबर 2020 को स्टे मिल गया। इसमें यथास्थिति बनाने का आदेश था।
अब इसी स्थगन आदेश को खारिज कराने की मांग रामपुर के विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है। इस पर शासन के संयुक्त सचिव कल्याण बनर्जी ने नगर निगम से 15 दिन में रिपोर्ट तलब की है।
आलीशान बंगले का किराया सिर्फ एक हजार
पूर्व मंत्री आजम खां खुद तो सरकारी संपत्ति का गलत उपयोग तो कर ही रहे थे, उनके साथ ही उनका पूरा कुनबा सरकारी संपत्ति पर कुंडली मारकर बैठा है, अब जब कार्रवाई हो रही है तो कुछ दल इसे आजम का शोषण बताकर वोट बैंक की राजनीति करना चाहते है। बता दें कि निखत को आवंटित करीब छह हजार वर्ग फीट के आलीशान बंगले का किराया महज एक हजार रुपये महीने था। इस बंगले को लेकर तीन साल पहले शासन को शिकायत हुई थी। मामले में निगम ने जांच कर 24 अगस्त 2020 को आवंटन निरस्तीकरण का नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया कि जांच के दौरान बंगला बंद मिला। उसमें कोई नहीं रहता है।
यह भी कहा गया कि निखत रामपुर के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका थीं और सेवानिवृत्ति के बाद से वहीं रह रही हैं। निखत ने नोटिस का जवाब दिया लेकिन प्रशासन संतुष्ट नहीं हुआ। इसके बाद निगम ने इस आधार पर आवंटन निरस्त कर दिया कि जब निखत को बंगला आवंटित हुआ था, तब वह न तो किसी सरकारी सेवा में थीं और न ही लखनऊ में कार्यरत थीं।
इसे भी पढ़ें…