लखनऊ। यूपी सरकार की पहल पर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जो प्रयास शुरू किए गए थे, वह फलीभूत होती नजर आ रही है। सब कुछ सही रहा तो अगले सत्र से प्रदेश 14 नए मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी है। इन कॉलेजों का भवन बनकर तैयार हैं। अन्य तैयारी चल रही है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग में मान्यता के लिए अनुमति मांगी है। यदि सभी कॉलेजों को एक साथ मान्यता मिली तो प्रदेश में 1400 सीटें बढ़ेंगी। साथ ही एक साथ इतनी अधिक सीटें बढ़ने के मामले में एक नया रिकॉर्ड भी बन जाएगा।
पिछले साल 9 कॉलेजों को मिली थी मान्यता
प्रदेश में अभी सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस की 3828 और निजी कॉलेजों में 4700 सीटें हैं। पिछले साल एक साथ नौ कॉलेजों को मान्यता मिली थी। अब निर्माणाधीन 14 स्वशासी कॉलेजों को मान्यता दिलाने की कवायद शुरू कर दी गई है। ये कॉलेज कुशीनगर, कौशांबी, सुल्तानपुर, अमेठी, कानपुर देहात, ललितपुर, पीलीभीत, ओरैया, सोनभद्र, बुलन्दशहर, गोंडा, बिजनौर, चंदौली, लखीमपुर खीरी जिले में हैं।इन कॉलेजों में सत्र 2024-25 से एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए संकाय सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। कॉलेजों के प्रधानाचार्य को उपकरण और फर्नीचर खरीदने की अनुमति दे दी गई है। उम्मीद है कि एनएमसी की टीमें जनवरी 2024 से कॉलेजवार निरीक्षण शुरू कर देंगी। एनएमसी की मान्यता मिलने के बाद यहां अगले सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई और मरीजों का उपचार एक साथ शुरू हो सकेगा।
19376 पदों पर जल्द भर्ती
प्रदेश के 14 नए मेडिकल कालेजों में शिक्षकों व कर्मियों के 19376 पदों की स्वीकृति मिल गई है। इसमें 9954 पदों को सीधी भर्ती से भरा जाएगा, 56 पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाएंगे और 9366 पद आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे जाएंगे। हर मेडिकल कॉलेज में 112 पद असिस्टेंट प्रोफेसर, प्रोफेसर व फिजिस्ट आदि के होंगे। वहीं 446 पद सीनियर रेजीडेंट, जूनियर रेजीडेंट व मेडिकल आफिसर और 110 पद चीफ फार्मासिस्ट, डेंटल टेक्नीशियन व फार्माासिस्ट तथा 110 पद गैर तकनीकी संवर्ग के होंगे। इस तरह प्रत्येक मेडिकल कालेज में 711 नियमित पद सृजित किए गए हैं। आउटसोर्सिंग से भरे जाने वाले पदों में डिप्टी लाइब्रेरियन, मेडिकल सोशल वर्कर, काउंसलर, कंप्यूटर आपरेटर व डाटा एंट्री आपरेटर के पद हैं।
वहीं इस संबंध मे पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण का कहना है कि प्रयास किया जा रहा है कि सभी 14 मेडिकल कॉलेजों में एक साथ एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू कराई जाए। राज्यपाल से पदों की स्वीकृति मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उपकरण व अन्य संसाधन भी तैयार किए जा रहे हैं।
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