प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या की सुबह मची भगदड़ ने उन यादों को ताजा कर दिया, जब सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की जान गई थी, इससे पहले 2013 और 1954 के महाकुंभ में भी इस तरह की दुखद घटना हो चुकी है। उन घटनाओं को याद करके आज भी कुंभ में शामिल लोग सिहर जाते है।
महाकुंभ मेले में मंगलवार देर रात हुई भगदड़ में तमाम श्रद्धालुओं के मन में पुरानी याद ताजा कर दी। मेला क्षेत्र में मौजूद कुछ स्नानार्थियों को जब पता चला कि संगम क्षेत्र के आसपास भदगड़ में कई की जान गई है तो वह काफी दुखी हुए। बता दें कि इससे पहले 2013 में कुंभ के दौरान जंक्शन पर हुई भगदड़ में कई लोगों की जान चली गई थी। इस बार महाकुंभ में व्यवस्था बेहतर बताई गई, लेकिन न जाने कैसे भगदड़ मच गई।
जंक्शन पर 36 लोगों की हुई थी मौत
वर्ष 2013 के कुंभ मेला के दौरान 10 फरवरी को मौनी अमावस्या का स्नान हुआ था। प्रयागराज जंक्शन पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके थे। सभी प्लेटफार्म ठसाठस भरे हुए थे। ओवरब्रिजों पर भी भारी भीड़ थी। शाम करीब सात बजे प्लेटफार्म छह की ओर जाने वाले फुट ओवरब्रिज की सीढ़ियों पर अचानक भगदड़ मची। धक्का-मुक्की में कई लोग ओवरब्रिज से नीचे जा गिरे जबकि कई लोगों को भीड़ ने कुचल दिया।इससे पहले सन 1954 के कुंभ में भी भगदड़ मच गई थी। उस मेले में मौनी अमावस्या के दिन त्रिवेणी बांध पर मची भगदड़ में सैकड़ों श्रद्धालुओं को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। मेला प्रशासन ने घटना को छिपाने का पूरा प्रयास किया था किंतु एक फोटोग्राफर ने उसे उजागर कर दिया था।