छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के देवरघटा गांव से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई हैं, यहां एक कक्षा 11 में पढ़ने वाली छात्रा ने अपनी जीभ काटकर भगवान भोले नाथ को चढ़ा दिया। इसके बाद वह मंदिर में साधना करने बैठ गई। यह जानकारी लगते ही स्थानीय लोगों से लेकर तक में हड़कंप मच गया।
यह सब करने से पहले उसने एक पत्र लिखकर अपने घर वालों के लिए छोड़ दिया। इस पत्र में उसने ऐसा लिखा कि जिसे पढ़कर लोगों के दिल कांप उसे, उसने लिखा कि कोई मुझे उठाने की कोशिश नहीं करे,अन्यथा उसकी सबकी हत्या हो जाएगी। इसके साथ ही उसने लिखा यहां न तो किसी की आवाज सुनाई दे या गाड़ी की आवाज आए। इस वजह से उसका इलाज भी नहीं सका।
यह लिखा है पत्र में
कक्षा 11 में पढ़ने वाली आरुषि ने मंदिर में ही अपनी जीभ काटकर शिवलिंग को अर्पित कर दी है।आरुषि के परिवार वालों से मिली जानकारी के मुताबिक उसके पास से मिले पत्र में लिखा है कि अगर वह साधना से उठ गई, तो हत्या हो जाएगी।आरुषि के माता पिता ने बताया कि उसके पास से जो पत्र मिला है,उसमें छत्तीसगढ़ी में लिखा हुआ है, “काकरो आवाज नहीं आनी चाहिए, गाड़ी या आदमी काकरो नहीं” अगले पेज पर लिखा, “अगर मैं उठ रहा, तो सबके मर्डर हो जाही” इसका मतलब है कि किसी गाड़ी या किसी व्यक्ति की आवाज नहीं आनी चाहिए। अगले पेज पर लिखा कि अगर मुझे उठाया गया तो हत्या हो जाएगी आरुषि के परिजनों का कहना है कि वह अभी दो दिनों तक साधना में ही लीन रहेगी।
पुलिस को मंदिर में जाने से रोका
पुलिस के साथ डॉक्टर्स की टीम भी उसके इलाज के लिए पहुंची, लेकिन उसने इलाज कराने से मना कर दिया। वह अपनी साधना से नहीं उठी, आरुषि के परिजनों ने भी लड़की को नहीं समझाया, यहां तक की परिजनों और गांव वालों ने पुलिस को मंदिर के अंदर भी नहीं जाने दिया। आरुषि की यह खबर सोशल मीडिया से लेकर मीडिया तक सुर्खियां बनी हुई है।
इसे भी पढ़ें…