झांसी। झांसी मेडिकल कॉलेज की एसएनसीयू में आग से झुलसकर मरने वाले नवजातों की संख्या रविवार को बढ़कर 11 हो गई है। शुक्रवार की रात एसएनसीयू में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी। जिसमें 10 बच्चों की मौत हो गई थी। डीएम ने बताया कि हादसे के समय एसएनसीयू में 49 नवजात शिशु थे। 39 शिशुओं का रेस्क्यू किया गया था। डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि रविवार को उपचार के दौरान एक और शिशु की मुत्यु हो गई है। इससे हादसे में मरने वालों की संख्या 11 पर पहुंच गई है।
अधिक लोड से हुआ था हादसा
शुरुआती जांच में सामने आया है कि एसएनसीयू में उपकरणों के अत्यधिक लोड की वजह से शॉर्ट-सर्किट हुआ। इसके बाद चिंगारी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तक पहुंची। इसके बाद ही आग बेकाबू हो गई। पुलिस आग लगने के अन्य पहलुओं को भी खंगालने में जुटी है। एसएनसीयू वार्ड में जन्म के तुंरत बाद पीलिया, निमोनिया के शिकार नवजातों को रखा जाता है। नवजात के तापमान को अनुकूल करने के लिए वार्मर भी लगाए गए हैं।
जानकारों के मुताबिक यहां क्षमता से तीन गुना अधिक नवजात भर्ती किए गए थे। इस वजह से जीवनरक्षक उपकरणों को लगातार चलाए रखना पड़ रहा था। मॉनिटरिंग मशीन भी लगातार चलती रहती है। तीन-चार घंटे बाद लोड को कम करने के लिए इनमें से कुछ उपकरणों को बंद करना होता है।अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण शुक्रवार रात यह उपकरण समय पर बंद नहीं हो सके। इस वजह से यह उपकरण अत्यधिक गर्म हो गए। इससे शॉर्ट सर्किट हुआ, इसकी चपेट में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आ गया।
दो ब्लॉक में भर्ती थे बच्चे
चंद मिनट में आग दोनों कमरों में फैल गई। इन दो ब्लॉक में नवजातों को रखा गया था। आग लगते ही पहले ब्लॉक में भर्ती नवजातों को तो तुरंत बाहर निकाल लिया गया लेकिन, आखिरी ब्लॉक में भर्ती नवजात बाहर नहीं निकाले जा सके। एक चश्मदीद ने बताया कि ऑक्सीजन पाइप को पिघलाने के लिए कंसंट्रेटर को बंद किए बिना गर्म किया गया। इस वजह से ऑक्सीजन का रिसाव हो गया और वार्ड में आग फैली। हालांकि पुलिस अफसर इस बयान को बहुत अधिक विश्वसनीय नहीं बता रहे। सीएफओ राजकिशोर राय का कहना है कि वहां अधिक विद्युत लोड होने से शाॅर्ट-सर्किट हुआ। अन्य पहलू भी खंगाले जा रहे हैं।
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