यूपी सिपाही परीक्षा में फर्जीवाड़ा करना अब आसान नहीं, आगरा में एकआई के जरिए पकड़ा गया अभ्यर्थी

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It is no longer easy to commit fraud in UP constable exam, candidate caught through IAI in Agra
पुलिस की पकड़ में आते ही उसे गलती का अहसास हो गया। उसने पुलिस के सामने फर्जी आवेदन का सच उगल दिया।

आगरा। यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा में इस बार फर्जीवाड़ा करना आसान नहीं है। इस बार बायोमेट्रिक और एआई के जरिए अभ्यर्थियों की जांच की जा रही है। हाथरस निवासी विवेक कुमार की उम्र अधिक होने की वजह से वह यूपी पुलिस की परीक्षा के अयोग्य हो गया था, लेकिन उसके मन से खाकी पहनने का सपना पूरा बाकी थी, इसलिए उसने फर्जी दस्तावेज तैयार करके परीक्षा में बैठने के लिए शुक्रवार को परीक्षा केंद्र पहुंचा था, लेकिन तकनीकि की नजर से बच नहीं पाया। आंखों के रेटिना और बायोमेट्रिक से उसके फर्जीवाड़े का खुलासा गया। पुलिस की पकड़ में आते ही उसे गलती का अहसास हो गया। उसने पुलिस के सामने फर्जी आवेदन का सच उगल दिया।

मन में वर्दी की चाहत थी

हाथरस के गांव विधिपुरा निवासी विवेक की जन्मतिथि पहले आधार कार्ड में 5 जुलाई 1995 थी। उसने वर्ष 2011 में बिसावर, सादाबाद के एचपी इंटर काॅलेज से हाईस्कूल और वर्ष 2014 में रोशनलाल इंटर काॅलेज से 12वीं की परीक्षा पास की थी। वर्ष 2018 में पुलिस भर्ती परीक्षा दी। मगर, चयनित नहीं हो सका। उम्र अधिक होने के कारण परीक्षा नहीं दे सकता था। मगर, उसके मन में वर्दी की चाहत थी। चाहत पूरी करने के लिए गलत रास्ता अपनाया।उसने अपना नाम विमल पुत्र भूरी सिंह कर लिया। इसी नाम से दूसरा आधार कार्ड भी बनवा लिया।

जन्मतिथि 5 दिसंबर 2001 कर ली। इससे उसकी उम्र 6 साल कम 23 साल हो गई। वह वर्तमान में 29 साल का है। उसने वर्ष 2018 में हाईस्कूल की परीक्षा राया, मथुरा के जेबीआईसी इंटर काॅलेज से दी। वर्ष 2020 में इंटरमीडिएट की परीक्षा दी, लेकिन फेल हो गया। वर्ष 2021 में पास हो गया। पहली बार पुलिस भर्ती परीक्षा में उसका बायेमेट्रिक हुआ था। आधार कार्ड लगाया गया था। शुक्रवार को वह परीक्षा देने आया था। प्रवेशपत्र से प्रवेश मिल गया। बायोमेट्रिक में आधार कार्ड का सत्यापन भी हो गया।

ऐसे पकड़ में आया विवेक

परीक्षा कक्ष में पहुंचने पर टेबलेट से फोटो खींचा गया। इसमें एआई की मदद से सत्यापन किया गया। एआई ने पूर्व में बने आधार की पहचान कर ली। एक फिंगरप्रिंट पर विवेक और विमल नाम से आधार कार्ड बने हुए थे। शक होने पर परीक्षार्थी से पूछताछ की गई। उसने सारी हकीकत बता दी। उसका कहना था कि वह वर्दी पहनना चाहता था। इसलिए फर्जीवाड़ा कर दिया। मगर, उसे पता नहीं था कि पकड़ लिया जाएगा।

पहले वाला आधार कार्ड निरस्त नहीं हुआ था।डीसीपी हेड क्वार्टर सैय्यद अली अब्बास ने बताया कि पुलिस भर्ती परीक्षा में इस बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल किया गया है।

अभ्यर्थियों के संभावित चेहरे एआई की मदद से तैयार किए गए थे। आवेदन करते समय कोई बिना मूंछ और दाढ़ी के था या फिर बाल लंबे थे या फिर चेहरा पतला था? एआई ने वर्तमान में परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों के संभावित चेहरे बनाकर मिलान किया। इसके साथ ही आधार कार्ड, चालक लाइसेंस आदि सहित बायोमेट्रिक डेटाबेस की मदद से मिलान किया। जिनका मिलान नहीं हो सका। उनको पकड़ लिया गया।

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