यूपीनेडा और सीड के संयुक्त तत्वावधान में ‘गोरखपुर सोलर सिटी : सतत भविष्य की ओर अग्रसर’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन, स्वच्छ वातावरण के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में सौर ऊर्जा पर आधारित विविध उद्यमों एवं परियोजनाओं को बढ़ावा, देने की आवश्यकता है।

29 जुलाई 2024, गोरखपुर। गोरखपुर को राज्य का एक मॉडल सोलर सिटी बनाने के प्रयासों को मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) और सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के संयुक्त तत्वावधान में आज एक कार्यशाला ‘गोरखपुर सोलर सिटी : सतत भविष्य की ओर अग्रसर’ का आयोजन किया गया। राज्य सरकार द्वारा 17 सोलर सिटी में से गोरखपुर को भी चुना गया है, जो ऊर्जा की बढ़ती मांग, समुचित परिवेश और सोलराइजेशन के लिए अनुकूल परिस्थितियों के कारण एक विशिष्ट स्थान रखता है। कांफ्रेंस में विविध वार्डों के पार्षद एवं जनप्रतिनिधियों, जिला स्तरीय विविध विभागों के पदाधिकारी, एनर्जी डेवलपर्स, और सामुदायिक प्रतिनिधियों की भागीदारी रही। इस कार्यक्रम में फ्यूचर सोलर ग्रीन इंटरप्राइजेज का सहयोग एवं समर्थन मिला।

इस अवसर पर गोरखपुर नगर निगम के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने जिले को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, विशेषकर सौर ऊर्जा, के विस्तार में अग्रणी बनने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा पर्यावरण हितैषी है और सतत विकास सुनिश्चित करती है, इसलिए सोलर सिटी बनने से न सिर्फ जनपद में सर्वांगीण विकास को बल मिलेगा बल्कि स्वच्छ पर्यावरण भी सुनिश्चित होगा।

सोलर सिटी के व्यापक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए श्री गौरव सिंह सोगरवाल (आईएएस), नगर आयुक्त, गोरखपुर नगर निगम ने कहा कि सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे का सोलराइजेशन इस पहल की सफलता के लिए आवश्यक है, और सरकारी, निजी क्षेत्र एवं स्थानीय समुदायों के बीच साझेदारी प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देगी। स्वच्छ स्रोत के रूप में नवीकरणीय ऊर्जा नयी आर्थिक गतिविधियों को गति दे सकती है।

श्री आनंद वर्द्धन (आईएएस), उपाध्यक्ष, गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने कहा कि स्वच्छ वातावरण के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में सौर ऊर्जा पर आधारित विविध उद्यमों एवं परियोजनाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। सोलर सिटी योजना में सौर-चालित आधारभूत संरचना, आवासीय एवं निजी सौर प्रणाली और सामुदायिक रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर विशेष ध्यान दिया गया है।

श्रीमती अनुज मलिक (आईएएस), मुख्य कार्यकारी अधिकारी, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सोलर सिटी के विजन को साकार करने में सौर ऊर्जा पर आधारित उद्योगों और सौर उत्पादों के उद्यमों के लिए समुचित परिवेश बनाने के सरकारी प्रयासों के बारे में बताया।

गोरखपुर में नवीकरणीय ऊर्जा का परिदृश्य सकारात्मक प्रगति को इंगित करता है, जैसे कुल 5191 किलोवाट की सौर रूफटॉप इंस्टॉलेशन 520 सोलर स्ट्रीट लाइट्स गोरखपुर के सतत शहरी विकास और एनर्जी एफिशिएंसी (ऊर्जा दक्षता) को नया आयाम दे रहे हैं। करीब 121 टन प्रति दिन बायोमास ऊर्जा उत्पादन और 803 एचपी क्षमता के सोलर पंपसेट्स गोरखपुर के एनर्जी मिक्स (ऊर्जा मिश्रण) को विविध बनाने और अन्य नवीकरणीय स्रोतों के अधिकाधिक उपयोग की क्षमता को प्रदर्शित करता है।

इस मौके पर श्री पंकज सिंह (सचिव/चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर, यूपीनेडा) ने कहा कि गोरखपुर अपने प्रचुर सौर संसाधनों का उपयोग कर ऊर्जा सुरक्षा की स्थिति प्राप्त कर सकता है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना, पीएम-कुसुम योजना, बड़े सोलर प्रोजेक्ट्स और विकेन्द्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा (डीआरएई) परियोजनाएं राज्य में क्लीन एनर्जी ट्रांज़िशन के लिए महत्वपूर्ण है।

श्री अश्विनी अशोक (निदेशक, जस्ट ट्रांजिशन एवं एनवायरनमेंट, सीड) ने बताया कि प्रमुख क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को अपनाने से कृषि, उद्योग एवं व्यवसायों में उत्पादकता बढ़ेगी, लागत कम होगी, और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि सीड, यूपीनेडा सहित अन्य सरकारी एजेंसियों को नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की प्राप्ति में निरंतर समर्थन प्रदान करने के लिए तत्पर है।

कार्यक्रम को श्री राजमणि वर्मा, डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट ऑफिसर-गोरखपुर, श्री सुनील कुमार गोंड, चीफ रेवेन्यू ऑफिसर-गोरखपुर एवं अन्य ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में कई तकनीकी सत्र आयोजित किये गये, जहां सोलर सिटी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई। पहले सत्र ‘एम्पॉवरिंग गोरखपुर: पीएम सूर्य घर योजना फॉर सस्टेनेबल सोलर अडॉप्शन’ में श्री अजय कुमार (सीनियर प्रोजेक्ट ऑफिसर, यूपीनेडा), श्री आशुतोष कुमार श्रीवास्तव (चीफ इंजीनियर, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि.), श्रीमती मनीषा (सुपरिटेंडेंट इंजीनियर, एम्स गोरखपुर), श्री सोमेश पांडेय (एलपी एंटरप्राइजेज), श्री अभिषेक पांडेय (एजीएम-स्टेट बक ऑफ़ इंडिया), और श्री अरविंद अग्रवाल (प्रेसिडेंट, गोरखपुर आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन) ने सोलर एडॉप्शन को बढ़ावा देने और सार्वजनिक एवं निजी बुनियादी ढांचे में सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की।

दूसरे सत्र ‘हारनेसिंग सोलर पावर: एक्सप्लोरिंग पोटेंशियल ऑफ़ पीएम कुसुम’ में श्री पुलकित श्रोत्रिय (मैनेजर, क्लाइमेट कनेक्ट डिजिटल), श्री गोविंद तिवारी (परियोजना अधिकारी-गोरखपुर, यूपीनेडा), श्री आशीष, (व्यवसाय विकास प्रबंधक – गोरखपुर, इंटेको), श्री अंकित कुमार (कार्यकारी अभियंता, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड), श्री यूके. मिश्रा (क्षेत्रीय प्रबंधक बैंक ऑफ बड़ौदा), और श्री आलोक मिश्रा (एजीएम-टेक, एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि.) ने कृषि और अन्य आर्थिक क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर चर्चा की।

तीसरे सत्र ‘आरइ-पॉवरिंग उत्तर प्रदेश’ में श्री मनीष राम (निदेशक, एनर्जी एवं क्लाइमेट, सीड), श्री आर. पी. सिंह (वरिष्ठ परियोजना अधिकारी, यूपीनेडा), श्री सुष्मित समर्थ (वरिष्ठ प्रबंधक – उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड, जैक्सन ग्रीन), श्री विनोद कुमार आर्य (चीफ इंजीनियर, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि.), श्री डेंजिल स्वामी (सीनियर मैनेजर, ईकेआई एनर्जी सर्विसेज लि.), श्री अवय चंद्र (मैनेजर इंचार्ज – गोरखपुर, सिडबी) और श्री शुभेंदु गोस्वामी (हेड, कस्टमर एक्वीजीशन एंड बिज़नेस डेवलपमेंट, हस्क पावर सिस्टम्स) ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के व्यापक आर्थिक और पर्यावरणीय लाभों पर चर्चा की।

कार्यशाला में प्रमुख सुझाव एवं विचार भी प्रस्तुत किये गये, जिनमें प्रमुख थे : नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का आकलन और सोलर रूफटॉप स्पेस का मूल्यांकन, समुचित नीतिगत परिवेश, पीएम सूर्य घर योजना, पीएम-कुसुम और अन्य योजनाओं की व्यापक कवरेज और सहभागिता बढ़ाना, उद्योगों और उद्यमियों के लिए स्थानीय स्तर पर सौर विनिर्माण विकास के लिए प्रोत्साहन, और सामुदायिक सहभागिता के जरिये कृषि, स्वास्थ्य सेवा और शहरी बुनियादी ढांचे का सोलराइजेशन आदि।

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