बरेली। भोली-भाली जनता को रुपये दोगुना करने का लालच देकर ठगने के आरोपी को यूपी एसटीएफ ने नागपुर से पकड़ लिया। आरोपी ने बरेली किला और कोतवाली क्षेत्र में कार्यालय खोलकर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की थी। धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आरोपी प्रयागराज निवासी ज्ञानेश पाठक फरार हो गया था। जिसे एसटीएफ ने महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार कर लिया है। टीम उसे रात में किला थाने में दाखिल करेगी। यहां से उसे बृहस्पतिवार को जेल भेजा जाएगा।
रुपये दोगुना करने का देता था लालच
बरेली के किला थाना क्षेत्र के सिटी स्टेशन रोड पर आकाश फ्लोर्स में जेकेवी कंपनी का दफ्तर था। कंपनी के डायरेक्टर और कर्मचारी शहर के लोगों को निवेश करने पर कम समय में रकम दोगुनी करने का झांसा देते थे। कंपनी के कर्मचारियों ने शहरवासियों से करोड़ों रुपये निवेश करवाए और दफ्तर बंद कर फरार हो गए।नवाबगंज के गांव लाड़पुर उस्मानपुर निवासी अनीस ने किला थाने में कंपनी के डायरेक्टर और कर्मचारियों के खिलाफ वर्ष 2022 में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें डायरेक्टर प्रयागराज निवासी ज्ञानेश पाठक भी नामजद है। ज्ञानेश के खिलाफ कई अन्य मुकदमे भी किला थाने में दर्ज कराए गए थे, जिनमें वह फरार चल रहा था।
25 हजार रुपये का घोषित था इनाम
पांच जुलाई को बरेली एसएसपी अनुराग आर्य ने ज्ञानेश पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। प्रयागराज एसटीएफ ने नागपुर के हुडकेश्वर थाना क्षेत्र स्थित साईं मंदिर के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। वहां न्यायालय से ट्रांजिट रिमांड लेकर ज्ञानेश को टीम बरेली ला रही है।
ज्ञानेश के खिलाफ विभिन्न राज्यों के कई जिलों में 39 मुकदमे दर्ज हैं। बरेली में उस पर धोखाधड़ी के 10 मुकदमे दर्ज कराए गए। इसमें पांच कोतवाली और पांच मुकदमे किला थाने में दर्ज हैं। ज्ञानेश के खिलाफ हाथरस, बाराबंकी, सिद्धार्थनगर, अमरोहा, बिजनौर, सहारनपुर, शामली, एटा, आगरा, मुरादाबाद, बस्ती, संभल आदि जिलों में भी कई मुकदमे दर्ज हैं। उत्तराखंड के हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून में भी मुकदमे दर्ज हैं। उत्तराखंड में ज्ञानेश पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं।
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