नईदिल्ली। अपने तीसरे कार्यकाल के संसदीय सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को पूरी तरह से धोकर रख दिया उन्होंने। वहीं कांग्रेस ने भी आक्रामक रूप से अपना जवाब जनता के सामने रखा गया। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि,संविधान को बचाने के लिए हमने जो कोशिश की थी उसमें जनता हमारे साथ है। लेकिन मोदी जी ने संविधान को तोड़ने की कोशिश की। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पीएम के पास बोलने के लिए कुछ भी नया नहीं था और हमेशा की तरह उन्होंने अपने संबोधन मुद्दों को भटकाने का प्रयास किया है।
सदन में सामान्य मानवी को debate व vigilance की अपेक्षा होती है। लोगों को ये अपेक्षा नहीं है कि नखरे होते रहें, ड्रामा होता रहे, डिस्टरबेंस होता रहे।
लोग substance चाहते हैं, slogan नहीं।
– पीएम श्री @narendramodi pic.twitter.com/DUAdnItW14
— BJP (@BJP4India) June 24, 2024
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह जो आक्रमण संविधान पर कर रहे हैं, वो हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है और वो हम नहीं होने देंगे इसलिए हमने शपथ लेते समय संविधान पकड़ा था…हिंदुस्तान के संविधान को कोई शक्ति नहीं छू सकती;
हिंदुस्तान के संविधान को कोई शक्ति नहीं छू सकती pic.twitter.com/FQAbsx6ltf
— Congress (@INCIndia) June 24, 2024
जनता नारे नहीं सार्थक बहस चाहती है
18वीं लोकसभा की शुरुआत से पहले अपने पारंपरिक भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है। क्योंकि लोग नारे नहीं, बल्कि सार्थकता चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लोग संसद में चर्चा, कर्मठता चाहते हैं न कि व्यवधान चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लोग विपक्ष से अच्छे कदमों की उम्मीद करते हैं, लेकिन अब तक यह निराशाजनक रहा है और उम्मीद जताई कि यह अपनी भूमिका निभाएगा और लोकतंत्र की मर्यादा को बनाए रखेगा। इस दौरान उन्होंने ये भी याद दिलाया कि आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ 25 जून को है, पीएम इसे भारत के लोकतंत्र पर एक ‘काला धब्बा’ कहा!
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