लखनऊ। समग्र शिक्षा के अन्तर्गत यूपी बोर्ड द्वारा संचालित हाईस्कूल व इंटरमीडिएट स्तर के राजकीय व एडेड माध्यमिक विद्यालयों के कमज़ोर छात्र —छात्राओं को चिन्हित कर उनके लिए विशेष उपचारात्मक शिक्षण की योजना बनाई गई है, जिसमें ऐसे विद्यार्थियों को चिन्हित कर उनको उनके मुख्य विषयों में होने वाली समस्याओं से छुटकारा दिलाने का काम किया जाएगा।
18 मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशकों को दिए गए निर्देश
बताया गया कि राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा प्रदेश के सभी 18 मंडलों के संयुक्त शिक्षा निदेशकों (जेडी माध्यमिक) से हाईस्कूल के मुख्य विषयों हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, और इंटरमीडिएट के मुख्य विषयों हिन्दी, अंग्रेजी, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित से विषयवार दो—दो एसआरजी {स्टेट रिसोर्स ग्रुप} (राज्य संदर्भ समूह) अथवा प्रवक्ताओं को नामित कर सूची उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं। दी गई जानकारी में बताया गया कि मण्डल में विषयवार एसआरजी उपलब्ध न होने की दशा में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक तथा एक—एक प्रवक्ता जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से नामित किये जाने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षकों को किया जाएगा प्रशिक्षित
वहीं मण्डलवार नामित प्रत्येक विषय के दो—दो मास्टर ट्रेनर को पांच—पांच दिन का विशेष प्रशिक्षण देकर उनके द्वारा लखनऊ मण्डल के सभी 6 जनपदों के एडेड व राजकीय माध्यमिक स्कूलों के सम्बंधित विषयों के शिक्षकों को उपचारात्मक शिक्षण के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। इस बाबत जानकारी देते हुए जे डी माध्यमिक लखनऊ मण्डल कार्यालय के विज्ञान प्रगति अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि राज्य परियोजना कार्यालय से प्राप्त निर्देश के अनुपालन में लखनऊ मण्डल से विषयवार एसआरजी व शिक्षकों को चिन्हित किया जा रहा है, जो जल्द ही मंडलीय मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किये जायेंगे।
विद्यार्थियों में उनके मुख्य विषयों की कमज़ोरी होगी दूर
बताया गया कि जे डी माध्यमिक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने लखनऊ मण्डल के सभी 6(छः) डीआईओएस और 6(छः) डायट प्राचार्यों से अलग—अलग विषयवार एसआरजी अथवा शिक्षकों को नामित कर सूची उपलब्ध करवाने के निर्देश दे दिए हैं। बताया गया कि मण्डल स्तरीय मास्टर ट्रेनर बनाये जाने के लिए प्रशिक्षण एक जुलाई, 2024 से कराया जाना विचाराधीन है। डॉ.दिनेश कुमार ने बताया कि उपचारात्मक शिक्षण के इस कला कौशल से प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा लखनऊ मण्डल के सभी राजकीय तथा एडेड माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले कमजोर विद्यार्थियों में उनके मुख्य विषयों की कमज़ोरी दूर होगी।
विद्यार्थियों की कठिनाईयों का होगा समाधान
साथ ही शासकीय व ऐडेड माध्यमिक विद्यालयों के बोर्ड परीक्षा परिणाम में भी व्यापक उन्नयन प्राप्त होगा। डॉ.दिनेश कुमार, मण्डलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी लखनऊ मण्डल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित उपचारात्मक शिक्षण की ये रणनीति राजकीय व एडेड विद्यालयों में पढ़ने वाले समस्त विद्यार्थियों में मुख्य विषयों के समझ (अंडरस्टैंडिंग) के स्तर में सम्भाव को जन्म देगी।
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