नईदिल्ली। हाल ही में जारी नीट यूजी रिजल्ट पर विवाद बढ़ने लगा है। जिसे शांत करने के लिए एनटीए सचिव को प्रेस काफ्रेंस करके सफाई देनी पड़ी। शिक्षा सचिव ने कहा कि ‘कमेटी जांच कर रही है, उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के कई उम्मीदवारों ने अंकों में बढ़ोतरी का आरोप लगाया है, जिसके कारण रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने शीर्ष रैंक हासिल की है, जिसमें एक ही परीक्षा केंद्र के छह उम्मीदवार शामिल हैं।हालांकि, एनटीए ने किसी भी अनियमितता से इनकार करते हुए बताया कि एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलाव और परीक्षा केंद्रों पर समय बर्बाद करने के लिए अनुग्रह अंक छात्रों के उच्च अंक प्राप्त करने के कुछ कारण थे।
एनटीए ने दिया स्पष्टीकरण
एनटीए ने स्पष्ट करते हुए कहा कि आगे कोई भी निर्णय उठाए गए मुद्दों की फिर से जांच करने के लिए गठित उच्च शक्ति समिति की सिफारिशों पर निर्भर करेगा। एनटीए डीजी ने कहा कि, जैसे ही उत्तर कुंजी को संशोधित किया गया, 44 उम्मीदवारों को 715 से 720 अंक मिले और टॉपर्स की संख्या भी बढ़कर 61 हो गई। एनटीए महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने कहा, छह केंद्रों के लगभग 1,600 अभ्यर्थियों को गलत प्रश्नपत्र वितरित किए गए और दो से तीन अभ्यर्थियों को ओएमआर फटा हुआ मिला, जिसके कारण उन्हें परीक्षा देने के लिए कम समय मिला।
जांच के बाद उठाएंगे कदम
हमारा निर्देश है कि अगर परीक्षा देर से शुरू होती है तो अभ्यर्थियों को पूरा समय दिया जाए, जो कि ज्यादातर केंद्रों पर हुआ है, लेकिन कुछ केंद्रों पर परीक्षा इस तरह आयोजित की गई कि उन्हें (छात्रों को) पर्याप्त समय मिल सके। संबंधित अभ्यर्थी माननीय उच्च न्यायालय में जाकर पुन: परीक्षा अथवा प्रतिपूरक अंक दिलाने का अनुरोध किया।हमने एचसी को जवाब दिया कि हमने समय के नुकसान के मुद्दे को देखने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई है जिसने सिफारिश की है कि उन्हें (छात्रों को) समय के नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिन सेंटर्स पर गड़बड़ी हुई, उन पर एक्शन होगा। लेकिन, मामला सिर्फ 1563 छात्रों का है। नीट की जांच कमेटी जो सिफारिश देगी, उसके अनुसार कदम उठाए जाएंगे। लेकिन पूरे देश में परीक्षा पर असर नहीं पड़ेगा।
एक हफ्ते के अंदर आएगी रिपोर्ट
प्रेस वार्ता में कहा गया है कि ‘यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष और अन्य शिक्षाविदों को मिलाकर कमेटी बनाई गई है, जो नीट के मामले की जांच करेगी। समिति एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद फैसला लिया जाएगा।’प्रेस कान्फ्रेंस में कहा गया, 4750 सेंटर पर नीट यूजी एग्जाम हुआ था। इनमें से सिर्फ 6 सेंटर पर दिक्कत आई है। कमेटी बनाई गई है जो इसे एग्जामिन करेगी। जो सिफारिशें आएंगी, उसपर निर्णय लिया जाएगा। एनटीए ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कि ‘गड़बड़ी का जो मामला है, वो सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 उम्मीदवारों तक सीमित है। प्रेस वार्ता में ये भी कहा गया है कि ‘यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष और अन्य शिक्षाविदों को मिलाकर कमेटी बनाई गई है, जो नीट के मामले की जांच करेगी। समिति एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद फैसला लिया जाएगा।’
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