लखनऊ। 25 जनवरी 2005 को माफिया अतीक अहमद उसके भाई अशरफ समेत छह लोगों को सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। इसमें माफिया और उसके भाई की पहले ही मौत हो चुकी है। बाकी आरोपियों में शॉर्प शूटर फरहान, आबिद और अब्दुल कवि भी शामिल हैं। इसके अलावा जावेद, इसरार, रंजीत पाल और गुल हसन अब उम्रकैद की सजा काटेंगे। बता दें कि छह आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है, जबिक एक अन्य आरोपी फरहान को अदालत ने आर्म्स एक्ट में चार साल की सजा सुनाई है।
दिन दहाड़े गोलियों से भूना था
25 जनवरी 2005 दिन मंगलवार को दोपहर करीब तीन बजे बसपा विधायक राजू पाल एसआरएन अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम हाउस से दो गाड़ियों के काफिले में साथियों संग धूमनगंज के नीवां में घर लौट रहे थे, तभी सुलेमसराय में जीटी रोड पर उनकी गाड़ी को घेरकर गोलियों की बौछार कर दी गई।राजू पाल खुद क्वालिस चला रहे थे। उनके बगल में दोस्त की पत्नी रुखसाना बैठी थीं जो उन्हें चौफटका के पास मिली थीं। इसी गाड़ी में संदीप यादव और देवीलाल भी थे। पीछे स्कार्पियो में ड्राइवर महेंद्र पटेल और ओमप्रकाश और नीवां के सैफ समेत चार लोग लोग थे। दोनों गाड़ियों में एक-एक सशस्त्र सिपाही थे। आसपास के लोग अब भी सरेराह गोलियों की तड़तड़ाहट को याद कर सिहर उठते हैं।
विधायक पूजा पाल ने न्याय मिला
पति के हत्यारों को सजा दिलाने के बाद विधायक पूजा पाल बोलीं- सिर्फ मेरी नहीं अतीक अहमद गैंग से पीड़ित हर शख्स को आज इंसाफ मिला है। वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हैं। 19 सालों से चल रहा संघर्ष रंग लाया है। इस लड़ाई में जिसने भी सहयोग किया सबका धन्यवाद आभार।
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