नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी ने छह साल के लिए बाहर कर दिया है। दरअसल आचार्य कृष्णम पार्टी नेतृत्व को खरी-खरी सुनाते रहे हैं। उन्होंने राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का समर्थन करते हुए कांग्रेस के बहिष्कार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। इसके साथ ही संभल में 19 फरवरी को होने वाले कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों और यूपी के मुख्यमंत्री योगी को भी निमंत्रण दिया था। प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं। इस वजह से उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया।
अनुशासनहीनता को बताई वजह
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, प्रमोद कृष्णम को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानबाजी के कारण निष्कासित किया गया है। निष्कासन का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भेजा था। आचार्य लगातार इंडिया गठबंधन के साथ ही कांग्रेस की आलोचना कर रहे थै। कुछ समय पहले उन्होंने कहा था कि इस गठबंधन का जन्म हुआ तभी वह बीमार हो गया था। पटना में नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन का अंतिम संस्कार कर दिया।
भाजपा में जाने की राह हुई आसान
वैसे कांग्रेस विरोधी रूख और भाजपा की तरफ उनके झुकाव से कयास लगाए जा रहे थे कि वह बीजेपी ज्वाइन करेंगे, हालांकि अभी तक कोई बयान नहीं आया था। अब उनके निष्काशन से बीजेपी में जाने का रास्ता साफ हो गया। इसके अलावा वह राहुल गांधी से बीते एक साल से मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें नहीं समय दिया गया, जबकि प्रधानमंत्री मोदी से एक सप्ताह में मिलने का समय मिल गया साथ ही, उन्होंने भूमिपूजन का आमंत्रण भी स्वीकार कर लिया। अब तक उनके आने की भी तैयारी चल रही है। उम्मीद है कि कल्कि धाम के भूमिपूजन के साथ ही वह बीजेपी में शामिल हो जाएंगे।
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