मनोरंजन डेस्क। पीआर मैनेजर Disha Salianकी मौत में उसके पिता सतीश सालियान ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बटे आदित्य ठाकरे की संलिप्तता की जांच की मांग की है। सालियान के वकील नीलेश ओझा ने भी कहा है कि परमबीर सिंह ने मामले में सबूतों से छेड़छाड़ की है और उन्होंने गैंगरेप और हत्या मामले में आदित्य ठाकरे को मुख्य आरोपी बताया है। वकील ने यह भी आरोप लगाया है कि राजनेता ड्रग कार्टेल में शामिल थे।
आदित्य ठाकरे बचाया गया
दिशा सालियान के पिता सतीश सालियान के वकील नीलेश ओझा ने कहा, ‘इस गैंगरेप और हत्या मामले में आदित्य ठाकरे मुख्य आरोपी हैं। उद्धव ठाकरे पर सत्ता का दुरुपयोग कर मामले को कवरअप करने का मुख्य आरोप है। आदित्य ठाकरे ड्रग कार्टेल में पाए गए हैं और यह एनसीबी के आधिकारिक रिकॉर्ड में है। हमने शिकायत में भी इसका उल्लेख किया है। आज हम इसके समर्थन में कुछ तस्वीरें भी जारी करेंगे।
नए सिरे से जांच की मांग
दिशा सालियान के पिता ने बेटे की मौत के पांच साल बाद चुप्पी तोड़ने और नए सिरे से जांच की मांग करने के बाद दिशा-एसएसआर मामले ने तूल पकड़ लिया। दिशा सालियान के पिता और वकील नीलेश ओझा ने कहा है कि मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह मामले को छिपाने के मुख्य मास्टरमाइंड हैं। हमने बताया है कि जांच के दौरान पता चला कि आदित्य ठाकरे ड्रग सिंडिकेट में शामिल हैं। हम सवाल पूछ रहे हैं – ठाकरे के खिलाफ जांच किसने रोकी और क्या डील हुई थी? आज हम यहां लिखित शिकायत देने आए हैं। इसमें आदित्य ठाकरे और अन्य को आरोपी बनाया गया है।
शिकायत दर्ज कराई
सतीश सालियान ने सोमवार को मुंबई पुलिस आयुक्त के समक्ष एक लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उनकी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के अपराध के संबंध में आदित्य ठाकरे और अन्य आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई। सतीश सालियान के वकील नीलेश ओझा ने कहा कि शिकायत को संयुक्त पुलिस आयुक्त ने स्वीकार कर लिया है और मामले के आरोपियों में आदित्य ठाकरे, पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह, अधिकारी सचिन वाझे और अभिनेता आदित्य पंचोली शामिल हैं।दिशा को 8 जून, 2020 को मृत पाया गया था। इससे कुछ दिन पहले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मुंबई के उपनगरीय बांद्रा में अपने फ्लैट में लटके पाए गए थे। यह घटनाक्रम सीबीआई द्वारा कथित तौर पर 2020 में बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर क्लोजर रिपोर्ट पेश करने के बाद हुआ है। सुशांत सिंह की मौत के करीब पांच साल बाद मुंबई की एक अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई है।
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