लखनऊ। सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में न्यायिक जांच आयोग ने Bholebaba को क्लीन चिट दे दी। हादसे किसकी वजह से हुए इसे स्पष्ट नहीं किया गया।हाथरस कांड की न्यायिक जांच की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गई है। बजट पेश होने से पहले बृहस्पतिवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में रिपोर्ट पेश की गई, जिसे सदन के पटल पर रखने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
राज्य सरकार ने रिपोर्ट के तथ्यों का सार्वजनिक नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार भोले बाबा को आरोपी नहीं ठहराया गया है, जिससे उन्हें क्लीन चिट मिल गई है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस की जांच को सही पाया है। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कई अहम सुझाव भी दिए हैं। आयोग को हादसे के पीछे साजिश होने के प्रमाण मिले हैं कि नहीं, अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
सेवानिवृत्त जज ने की जांच
दरअसल हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में 2 जुलाई 2024 को भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मृत्यु हो गई थी। हादसे की जांच के लिए राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था।
आयोग में सेवानिवृत्त आईपीएस भवेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त आईएएस हेमंत राव को सदस्य बनाया गया था। आयोग ने सभी मृतकों के पीड़ित परिजनों, घायलों, प्रत्यक्षदर्शियों के साथ भोले बाबा का भी बयान दर्ज किया था। वहीं दूसरी ओर पुलिस ने घटना के लिए आयोजकों को दोषी करार देते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। वहीं आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में राज्य सरकार को सौंप दी थी, जिसे गुरुवार को कैबिनेट में रखा गया। सूत्रों की मानें तो बजट सत्र में राज्य सरकार इसे सदन के पटल पर रख सकती है।
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