लखनऊ। राजधानी लखनऊ के चिनहट क्षेत्र में इंडियन ओवरसीज बैंक के 42 लॉकर काटकर करोड़ों की चोरी के मामले में पुलिसकर्मियों का खेल उजागर हुआ है। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने पूरी स्वॉट टीम को भंग कर दिया है। सभी 13 पुलिसकर्मियाें का अलग-अलग ट्रांसफर किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बदमाशों से जेवर बरामद करने के बाद कुछ पुलिसकर्मियों ने लाखों का सोना पार कर दिया था। इनमें दरोगा समेत तीन पुलिसकर्मी ऐसे हैं, तो खुलासे के अगले ही दिन छुट्टी पर चले गए थे।
सात बैग जेवर बरामद किए
डीसीपी पूर्वी ने सर्विलांस सेल और स्वॉट टीम को जनहित में तत्काल प्रभाव से भंग किया गया है। इनके खिलाफ शिकायतें आ रही थीं। मामले की जांच एडीसीपी पूर्वी को सौंपी गई है। सोना चोरी का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। चोरी के बाद स्वॉट टीम में तैनात दरोगा सतीश कुमार, सिपाही अजय कुमार, मनोज कुमार सिंह और हितेश सिंह दबिश के लिए गाजीपुर जिले में गए थे। इन लोगों ने कार बाजार से एक गाड़ी ली थी। चारों ने गाजीपुर जाकर बदमाशों से सात बैग जेवर बरामद किए। वहीं, गाजीपुर पुलिस ने दो बैग जेवर बरामद किया। चारों पुलिसकर्मी बरामदगी के बाद लखनऊ लौट आए। इसके बाद दरोगा सतीश, सिपाही हितेश और अजय छुट्टी पर चले गए थे।
मिलान में कम मिले थे जेवर
पूरे मामले के खुलासे के बाद सोने का मिलान किया गया तो गड़बड़ी सामने आई। बैंक और ग्राहकों के बीच खींचतान होने लगी। बैंक ने पुलिस से बरामद जेवर और सोने की सूची से मिलान किया तो लाखों का सोना कम पाया गया। इसके बाद से बरामदगी करने वाले पुलिसकर्मी संदेह के घेरे में हैं। मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई, जिसके बाद पूरी टीम को भंग करने के आदेश जारी किए गए।
इन पुलिसकर्मियों को हटाया गया
दरोगा सतीश कुमार, रंजीत कुमार, अनुज सिंह हेड कांस्टेबल परशुराम राय, हरिकिशोर, कांस्टेबल विशाल कुमार, हितेश सिंह, राहुल पांडेय, अजय कुमार, सचिन तोमर, विमल चंद्र पाल और महिला सिपाही शिल्पी पांडेय।
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