लखनऊ। 6 साल पहले तिरंगा यात्रा के दौरान दूसरे धर्म के लोगों के हाथों मारे गए चंदन गुप्त के हत्यारोपियों को लखनऊ की विशेष एएनआई कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी करार दिया है जबकि दो को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया है। 26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके बाद इलाके में हिंसा फैल गई थी। घटना को लेकर यूपी में कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठे थे।
इस मामले में सलीम नाम के युवक को मुख्य आरोपी बनाया गया था। वहीं करीब 20 लोगों को नामजद किया गया था। चंदन एक सामाजिक संस्था चलाता था। उसके पिता सुशील गुप्ता कासगंज के एक अस्पताल में कंपाउंडर के रूप में काम करते थे।हत्या के बाद कासगंज का माहौल खराब हो गया था और हिंसा भड़क उठी थी। शहर में उपद्रव व आगजनी हुई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 49 लोगों को गिरफ्तार किया था। बृहस्पतिवार को एनआईए कोर्ट ने छह साल बाद फैसला सुना दिया।
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