लखनऊ। अगले साल धर्म नगरी प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ की तैयारी जोरशोर से चल रही है। इस साल 45 से 50 करोड़ देशी-विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद है। इससे यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा।। पर्यटन विभाग स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण दे रहे हैं, इससे न सिर्फ वेंडर और सेवा प्रदाताओं की आय बढ़ेगी, बल्कि 45 हजार से अधिक परिवारों को रोजगार भी मिलेगा। इसके साथ ही सभी धार्मिक पर्यटन स्थलों के पास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित होंगे।नई पर्यटन नीति से प्रदेश में 20 हजार करोड़ के निवेश और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें पहले पर्यटन सेक्टर से जुड़े सर्विस प्रोवाइडर को कौशल विकास और प्रबंधन से जोड़ा जा रहा है। प्रयागराज महाकुंभ इसके लिए बड़ा मंच साबित हो रहा है।
दो हजार नाविकों को दे रहा प्रशिक्षण
महाकुंभ में पर्यटकों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने वाले सभी सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। नाविकों, टूर गाइड, स्ट्रीट वेंडर और सेवा प्रदाताओं को कौशल विकास और प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जा रही है। नाविकों की आय बढ़ाने और उनके क्षमता विकास के लिए पर्यटन विभाग 2000 नाविकों को प्रशिक्षण दे रहा है। राजधानी के मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान में इनकी ट्रेनिंग चल रही है। नाविक रिवर गाइड की भूमिका का निर्वहन कर सकेंगे। इससे नाविकों को रोजगार मिलेगा। विभाग प्रयागराज में 1000 टूर गाइड को कौशल विकास और प्रबंधन की ट्रेनिंग दे रहा है। अब तक 420 टूर गाइड प्रशिक्षित होकर सेवा देने को तैयार हैं। क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी के अनुसार महाकुंभ के पहले इस ट्रेनिंग से 45 हजार से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
पर्यटक स्थलों पर स्वच्छता
महाकुंभ के पहले पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सभी सेवा प्रदाताओं और जनशक्ति को कुशल बनाने के लिए टूर गाइड और नाविकों के साथ स्ट्रीट वेंडर और टैक्सी ड्राइवर को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनको पर्यटकों के साथ व्यवहार के प्रति संवेदनशील बनने, पर्यटक स्थलों पर स्वच्छता आदि के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पर्यटन विभाग 600 स्ट्रीट वेंडर और 600 टैक्सी ड्राइवर को प्रशिक्षण देगा। अभी तक 250 स्ट्रीट वेंडर और 120 टैक्सी ड्राइवर को ट्रेनिंग दी गई है। अन्य का प्रशिक्षण चल रहा है।
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