लखनऊ। यूपी के नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष पूरी तरह घेराबंदी में जुटे है। हर कोई दल अधिक से अधिक सीट जीतकर अपना वर्चस्व कायम करना चाहती है। जहां एक तरफ सपा पीडीए के फार्मूले से एक बार सत्ता पक्ष को हराने की तैयारी में है, वहीं विपक्ष के खेमा बंदी को विफल करने के लिए सत्ता पक्ष सभी वर्गों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाकर उसका लाभ सभी वर्ग को दे रहे है।
हिन्दुओं में एकता पर बल
भाजपा हिंदुओं की सभी बिरादरी को एक साथ लेकर चलने के लिए एकता का संदेश देने से पीछे नहीं हट रही हैं। वह बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हुई बर्बरता को जनता के बीच प्रचार —प्रसार करके एकजुट रहने का संदेश दे रही है। बटेंगे तो कटेंगे। वहीं सपा नारा दे रही है कि न बटेंगे न कटेंगे पीडीए के साथ रहेंगे। सपा के नेता अपनी चुनावी रणनीति के तहत यहां दलितों के बीच में इस बात को खुलकर प्रचार करने में लगे है कि एक पूर्व विधायक राकेश सोनकर का भाजपा ने टिकट काट दिया है। जबकि भारतीय जनता पार्टी इसे सपा की ओर से किया जाना वाला दुष्प्रचार बता रही है।
मुस्लिमों को रिझाने की कोशिश
सपा की काट के लिए भाजपा ने पहली बार सीसामऊ क्षेत्र के 1.10 लाख मतदाताओं वाले 95 बूथों पर टीम तैयार कर चुकी है। भाजपा ने इन बूथों पर मुस्लिम समाज के लोगों को ही अपने कार्यकर्ता के रूप में उतारा है। इससे पहले भाजपा मुस्लिम क्षेत्रों में जो भी तैयारी करती रही है, वह सिर्फ कागजी होती थी। समाज के ही लोगों की टीम बनाकर पार्टी इस बात पर फोकस करने में जुटी है कि यहां के ऐसे मुस्लिम मतदाता जो पिछले लंबे समय से सपा और उसके विधायक की वजह से आहत रहे हैं, वे भाजपा खेमें में जुड़कर सपा को चोट करें। तैयारी तो यहां तक बताई जा रही है कि इन क्षेत्रों से सपा से आहत मतदाताओं को वोट डालने के लिए कोई दबाव न बना सके।
20 प्रतिशत से अधिक ब्राह्मण मतदाता
कानपुर की सिरसा सीट मतदाताओं पर नजर डाले तो यहां मुस्लिमों के साथ ब्राहृमणों की अच्छी—खासी संख्या है। ऐसे ब्राह्मण नेताओं को अपनी ओर खींचने में जुटी है, जो कांग्रेसी विचारधारा के माने जाते हैं। ऐसे 20 प्रतिशत से अधिक ब्राह्मण मतदाता बताए जाते हैं। क्योंकि इस बार कांग्रेस, सपा के साथ गठबंधन में हैं।ऐसे में भाजपा इन ब्राह्मणों को यह समझाने में लगी है कि सपा के साथ हमेशा से ही ब्राह्मण ठगे जाते हैं। इससे अलग भाजपा ने यहां की दूसरी सबसे बड़े मतदाता वाली बिरादरी सिख मतदाताओं के लिए भी अलग से रणनीति बनाई है। इसके लिए सिख बिरादरी से जुड़े हातों में टीम लीडर तैनात कर दिए गए हैं।
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