पंजे को साइकिल के सामने सरेंडर करना पड़ा भारी बगावत शुरू, प्रयागराज जिलाध्यक्ष ने निर्दलीय भरा पर्चा

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Panje had to surrender in front of the bicycle, huge rebellion started, Prayagraj District President filed independent nomination
प्रयागराज से तो बगावत की शुरूआत है, बगावत की चिंगारी काफी दूर तक जाएगी

प्रयागराज। यूपी में इंडिया गठबंधन के अहम घटक कांग्रेस और सपा में सबकुछ ठीक नहीं है। सपा ने कांग्रेस को उसकी औकात के ​हिसाब दो सीट देने की योजना बनाई, वहीं कांग्रेस पांच सीट चाह रही थी, वहीं बात नहीं बनने पर कांग्रेस सपा के सामने हाथ जोड़कर सरेंडर कर गई, लेकिन बिना लड़े हथियार डालना कांग्रेस के लिए भारी पड़ने वाला हैं,क्योंकि पार्टी के निर्देश पर जो चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, वह अब बगावत पर उतर आए है,उसकी शुरूआत प्रयागराज से हो गई है।

यहां के पार्टी के जिलाध्यक्ष सुरेश चंद्र यादव ने पार्टी लाइन से बाहर जाते हुए निर्दलीय पर्चा दाखिल करके इंडिया गठबंधन की नींद उड़ा दी। वहीं कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। दरअसल कांग्रेस गठबंधन के तहत फूलपुर सीट चाह रही थी, लेकिन यहां से सपा के उम्मीदवार ने पहले ही पर्चा भर दिया। वहीं कांग्रेस को सपा ने कोई भाव नहीं दिया, इससे आहत कांग्रेस ने उपचुनाव में उतरने से दूरी बना ली। लेकिन जो चुनाव लड़ने का मूड बना चुके थे वह भला कैसे पीछे हटे नतीजन वे निर्दलयी ही मैदान में कूद पड़े

अभी और देखने को मिलेगी ​बगावत

प्रयागराज से तो बगावत की शुरूआत है, बगावत की चिंगारी काफी दूर तक जाएगी, क्योंकि सपा अभी भी कांग्रेस को आधार हिन पार्टी मानती हैं, उसे अपने रहमो करम पर चलाना चाहती है, जबकि कांग्रेस के वे नेता जो जमीन से जुड़े हुए वह इस तरह हाईकमारन के सरेंडर करने से बेहद दुखी है। कई नेताओं सपना भले ही चुनाव न लड़ने का पूरा हो सके, लेकिन अब सपा प्रत्याशी को हराकर उनकी औकात दिखाने को बेताब है।

सपा प्रत्याशी का विरोध

कांग्रेस गंगापार के अध्यक्ष सुरेश यादव खुलकर सपा उम्मीदवार और पार्टी के खिलाफ आ गए हैं। निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर शुक्रवार को दोबारा नामांकन के लिए पहुंचे सुरेश का कहना था कि हां, है यह बगावत। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कुछ लोगों ने गिरवी रख दिया है लेकिन कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेगा। सुरेश ने गुरुवार को ही नामांकन कर दिया था। दो अन्य सेट में नामांकन करने के लिए वह शुक्रवार को फिर कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस बार वह जुलूस के साथ नामांकन करने पहुंचे थे और शक्ति प्रदर्शन कर शीर्ष नेतृत्व को संदेश देने की कोशिश की।

सुरेश का कहना था कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेसवार्ता में खुद फूलपुर सीट कांग्रेस को देने की बात की थी लेकिन पार्टी में कुछ लोग नहीं चाहते कि किसान का बेटा आगे बढ़े। किसान के बेटे को रोकने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी को ही गिरवी रख दिया।

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