आजाद हिन्द फौज की रानी झांसी रेजीमेंट की कैप्टन लक्ष्मी सहगल को याद करते हुए उनका 110 वां जन्मदिन मनाया गया

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कैप्टन लक्ष्मी सहगल

24 अक्टूबर 2024, लखनऊ। वृहस्पतिवार को लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में आज़ाद हिन्द फौज की रानी झांसी रेजीमेंट की कैप्टन लक्ष्मी सहगल को याद करते हुए उनका 110 वां जन्मदिन मनाया गया। कार्यक्रम बी.ए. प्रथम वर्ष के छात्र – छात्राओं के वाद-विवाद प्रतियोगिता से प्रारम्भ हुआ ।
इस अवसर पर इतिहास विभाग की प्रवक्ता और सुप्रसिद्ध एवं प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता डॉक्टर अल्पना बाजपेई ने आजाद हिंद फौज एवं रानी झांसी रेजीमेंट के विषय में विस्तार से बताया । उन्होंने रानी झांसी रेजिमेंट की कैप्टन लक्ष्मी सहगल के व्यक्तित्व एवं संघर्षो पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जिस आयु में युवजन अपने कैरियर के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं उस आयु में कैप्टन लक्ष्मी सहगल एम . बी. बी . एस . पास करके पूर्ण रूप से डॉक्टर बन चुकी थीं और सिंगापुर में एक प्रतिष्ठित एवं प्रख्यात डॉक्टर के रूप में स्थापित हो चुकी थीं । नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जब पहली ही भेंट में उनसे पूछा कि  ” क्या आप आजाद हिंद फौज में महिलाओं की टुकड़ी बनाने में और उसका नेतृत्व करने को तैयार हैं  ? ” तो उन्होंने एक क्षण की भी देरी लगाए उत्तर दिया “जी हां ” । साधन -संपन्न परिवार में ऐश -ओ -आराम में पलने वाली लक्ष्मी ने भी अपनी जमी जमाई प्रेक्टिस ,अपना घर ,  अपने तमाम रिश्तों को एक पल में ” हां  ” कह कर त्याग दिया ।
देश की आज़ादी के बाद ‌वे गरीबों, उपेक्षितों और हाशिए पर जीवन व्यतीत कर रहे लोगों की सेवा और मदद करती रहीं ।
डॉ अल्पना बाजपेई ने कहा जुल्म और शोषण के खिलाफ लड़ने की तड़प , शोषण विहीन समाज की स्थापना के लिए अनवरत संघर्ष करने की प्रतिबद्धता तथा संपूर्ण मानवता के लिए उच्च स्तरीय माननीय संवेदना भरी उनकी संघर्षमय तथा बलिदान पूर्ण जीवन गाथा न केवल सबको स्तब्ध कर देगी बल्कि हमारे राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक विशेष कर युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक सिद्ध होगी ।
कार्यक्रम में कॉलेज के छात्र ओम  मिश्रा ,  गौरी पांडे ,  सोनम सिंह , सोनी कनौजिया , आयुष ,  फराज अहमद एवं अन्य छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार प्रकट किए।

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