अधाता ट्रस्ट ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया: वृद्धावस्था को सकारात्मक बनाने को बढ़ावा दिया और अपनी 12वीं वर्षगांठ मनाई

  • मशहूर फिल्म अभिनेता,अजिंक्य देव उपस्थित रहकर इस अवसर की शोभा बढ़ाई
  • इस वर्ष के आयोजन का विषय था – रूट्स एंड रिदम्स: नई पीढ़ी – पुरानी परंपरा

मुंबई। वरिष्ठ नागरिकों की मानसिक और सामाजिक भलाई में सुधार के लिए काम करने वाले मुंबई स्थित गैर सरकारी संगठन, अधाता ट्रस्ट ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर अपनी 12वीं वर्षगांठ बड़े उत्साह के साथ मनाई। पिछले एक दशक से ट्रस्ट ‘पॉजिटिव एजिंग’ यानी वृद्धावस्था को सकारात्मक बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इस वर्ष का कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र की “एजिंग विद डिग्निटी” की थीम के अनुसार आयोजित किया गया था। अधाता ट्रस्ट वरिष्ठ नागरिकों को एक सहायक और अनुरूप वातावरण में संपूर्ण जीवन जीने के लिए सशक्त बनाने के लिए काम कर रहा है।

विविध संस्कृति का जश्न मनाया

अधाता ट्रस्ट का यह कार्यक्रम ‘रूट्स एंड रिदम्स: नयी पीढ़ी – पुरानी परंपरा’ थीम के तहत आयोजित किया गया था। आज के तेज़ी से बदलते समाज में हमारे बुजुर्ग परंपराओं को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, इस बात पर कार्यक्रम में प्रकाश डाला गया। बढ़ती उम्र की ओर यात्रा के बारे में दृष्टिकोण को कुशलतापूर्वक नया रूप देते हुए, कार्यक्रम में 14 से अधिक केंद्रों के वरिष्ठ सदस्यों ने मंच पर पारंपरिक लोक गीतों को प्रस्तुत किया, भारत की समृद्ध और विविध संस्कृति का जश्न मनाया और अपने प्रदर्शन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

वृद्धत्व की सुंदरता

लोकप्रिय अभिनेता अजिंक्य देव ने इस अवसर पर कहा, “इस कार्यक्रम में आकर, हमारे बुजुर्गों को, हमारे परिवारों के मुखियाओं को इतनी ख़ुशी से रहते हुए देखकर मुझे बहुत ख़ुशी हुई। वे हमारी संस्कृति और मूल्यों के स्तंभ हैं। हमें उनके ज्ञान का सम्मान करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे हमेशा खुश रहें। आइए हम सब मिलकर वृद्धत्व की सुंदरता और समृद्धि का जश्न मनाएं।” अनन्या गोएंका ने अपने भाषण से कार्यक्रम के महत्व को बढ़ाते हुए कहा, “वृद्धत्व युवावस्था का समाप्त होना नहीं है बल्कि यह जीवन का एक नया चरण है जो अपने साथ ढेर सारे अवसर और शक्ति लेकर आता है।”

अधाता ट्रस्ट के संस्थापक और ट्रस्टी अरुण नंदा ने कहा, “12 साल पूरे करना अधाता ट्रस्ट के लिए सिर्फ एक पड़ाव नहीं है, बल्कि यह वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाने और समाज में उम्र बढ़ने के प्रति दृष्टिकोण में क्रांतिकारी बदलाव लाने की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। हमारा मानना ​​है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, हर उम्र हमारे लिए जीवन की समृद्धि को अपनाने का एक अद्भुत अवसर है। साथ मिलकर हम एक ऐसी संस्कृति का निर्माण कर रहे हैं

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