प्रेमी के बिछड़ने से और खतरनाक हुए भेड़िए, पढ़िए भेड़िए कितने लायल होते है अपने जोड़े के प्रति

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Wolves become more dangerous due to separation from lovers, read how loyal wolves are towards their couples.
बाकी बचे दो भेड़ियों में से एक लंगड़ा है जिसके ज्यादा आक्रामक होने की बात कही जा रही है।

बहराइच। जैसा हम सभी जानते है कि भेड़िए अपने जीवनसाथी के प्रति बहुत वफ़ादार होते हैं और जीवन भर उनके साथ रहते हैं। दोनों साथ मिलकर अपने शावकों की देखभाल करते हैं और पूरे झुंड के कल्याण का ख्याल रखते हैं। अधिकतर भेड़िए झुंड में निकलते है। युवा भेड़िये अपने माता-पिता से विशेष रूप से जुड़े होते हैं और वयस्क होने और स्वतंत्र होने तक उनके साथ रहते हैं। ऐसे में बहराइच में खूंखार बने भेड़िए के जोड़ों को ट्रैकूलाइल करके अलग कर​ दिया गया हैं। इससे जंगल में बचे और भेड़िए और ज्यादा खूंखार हो गए है।

अब जंगल के आसापास रहने वाले लोगों के अंदर और भय व्याप्त हो गया है, क्योंकि सभी जानते है भेड़िए अपने जोड़े से बिछड़ने के बाद और खतरनाक हो गए है। ऐसे में वह और तेज गति से शिकार करेंगे। बाकी बचे दो भेड़ियों में से एक लंगड़ा है जिसके ज्यादा आक्रामक होने की बात कही जा रही है। इससे ग्रामीणों में दहशत बढ़ गई है। वहीं प्रभावित इलाके में पुलिस व पीएसी का पहरा भी बढ़ा दिया गया है।

32 गांवों के लोग दहशत में

बहराइच के हरदी थाना क्षेत्र के 32 गांवों में खूनी खेल खेलने के बाद भेड़ियों ने अपने हमले का दायरा बढ़ा लिया है। भेड़िये खैरीघाट थाना क्षेत्र के दीवानपुरवा निवासी अयांश को जहां निवाला बना चुके हैं तो वहीं काजल व तीन बच्चों को भी जख्मी कर दिए हैं। हमले का दायरा बढ़कर 50 गांवों तक व प्रभावित आबादी 80 हजार के पार पहुंच चुकी है। यही नहीं भेड़ियों के नानपारा तहसील क्षेत्र के गांवों में भी पहुंचने की बात कही जा रही है। इसे लेकर बुधवार को विधायक नानपारा रामनिवास वर्मा की मौजूदगी में शिवपुर ब्लॉक में आपात बैठक की जा चुकी है। बैठक के बाद शिवपुर विकासखंड क्षेत्र के गांवों में भी सतर्कता के साथ गश्ती शुरू हो गई है।

भेड़िया की तलाश में टीम

भेड़िए को पकड़ने के लिए प्रशासन जीतोड़ से मेहनत कर रहा है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस, पीएसी समेत अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी तैनात हैं। हरिबक्शपुरवा के निकट कछार में गुरुवार को एक भेड़िया पकड़ा गया जबकि दो के अभी जंगल में छिपे होने की बात कही जा रही है। वन विभाग भेड़ियों के मुखिया की तलाश में जुटा है। वहीं खैरीघाट थाना क्षेत्र में भेड़िया दिखने से लोगों में दहशत बढ़ने लगी है। जिन गांवों में भेड़ियों की दहशत है, उन गांवों में पंचायत, विकास, पुलिस, राजस्व व वन समेत अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी रात-दिन गश्त कर रहे हैं। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। अभी तक चार भेड़िये पकड़े भी जा चुके हैं

भेड़िये को बचाए जाने की अपील

ऐनिमल वेलफेयर बोर्ड के सदस्य, प्रकृति पंथ प्रमुख अर्चित मिश्र ने कहा कि पूर्व में भी पकड़े गए भेड़ियों के साथ हादसे हो चुके हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि भेड़िए विलुप्ति के कगार पर खड़े हैं। ये ईको सिस्टम के लिए बेहद अहम जीव हैं। भारत का भेड़िया संरक्षण संकल्प भी इससे प्रभावित होगा। ऐसे में भेड़ियों को बचाने की जरूरत है।

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