ढाका। पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है। बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए यहां रविवार शाम छह बजे से कर्फ्यू लगा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक हिंसा में कम से कम 300 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी हुआ है। देश की खतरनाक होती स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया है। वह हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गई हैं। वहीं, सूत्रों की माने तो पीएम हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार शेख हसीना अपनी बहन के साथ भारत के लिए रवाना हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार वह लंदन जा सकती हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी बहन को आधिकारिक आवास से दूर एक सुरक्षित आश्रय में ले जाया गया है। उसके थोड़ी देर बाद ही एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि पीएम हसीना भारत के लिए रवाना हो गई हैं।
सेना प्रमुख ने किया देश को संबोधित
बांग्लादेश के हालात बद से बदतर हो गए हैं। प्रधानमंत्री आवास में प्रदर्शनकारी घुस गए हैं। वहीं, देश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमां ने देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया है। एक अंतरिम सरकार का गठन करेंगे। देश में जल्द सबकुछ सही हो जाएगा। बता दें कि बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।
हिंसा के बीच सेना की भूमिका
एक सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि इन तनावों के बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमां देश को संबोधित करने वाले हैं। सिविल सेवा नौकरियों के कोटा के खिलाफ पिछले महीने शुरू हुई रैलियां हसीना के 15 साल के कार्यकाल की सबसे गंभीर अशांति में बदल गई हैं और उनके इस्तीफे की व्यापक मांग में बदल गई हैं। वर्तमान हालात बांग्लादेश में अतीत की राजनीतिक उथल-पुथल की गूंज है।
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