लखनऊ। शिक्षकों के भारी विरोध के चलते प्रदेश सरकार को अपने एक फैसले को दो माह के लिए टालना पड़ा। दरअसल प्रदेश के शिक्षक समय से स्कूल नहीं पहुंचने के अपने उददेश्य को पूरा करना चाहते थे, इसलिए वह डिजिटल अटेंडेंस देने से भाग रहे थे। प्रशासन के निर्देश के बाद भी शिक्षक लगातार विरोध कर रहे थे। सरकार ने बढ़ते शिक्षकों के विरोध और चौपट होती बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए फैसले से अपने पैर पीछे खींचना ही उचित समझा। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि शिक्षकों की समस्या के समाधान और डिजिटल अटेंडेंस की दिक्कतों को खत्म करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। ये जानकारी प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. एमकेएस सुंदरम ने दी।
बैठक में लिया गया निर्णय
मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ बेसिक के शिक्षक संगठनों की हुई वार्ता हुई। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि शासन ने फिलहाल डिजिटल अटेंडेंस स्थगित करने पर सहमति दी है। जल्द इसका आदेश जारी होगा। शिक्षकों की समस्या के समाधान और डिजिटल अटेंडेंस की दिक्कत के समाधान के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। इसमें शिक्षाविद, शिक्षक नेता और अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डा. एमकेएस सुंदरम, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा आदि अधिकारी उपस्थित थे।
योगी ने दिया था संवाद का निर्देश
डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दिन पहले ही सभी डीएम, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) के साथ मिलकर शिक्षकों व शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि विद्यालयों में पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इससे पहले भी सीएम ने विभागीय अधिकारियों को शिक्षकों से वार्ता कर समाधान निकालने के निर्देश दिए थे।
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