गोदरेज ने गुडनाइट लिक्विड वेपोराइजर में देश का पहला स्वदेशी रूप से विकसित मच्छर भगाने वाला मॉलिक्यूल लांच किया

बिजनेस डेस्क,मुंबई। भारत ने मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल की है। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के वैज्ञानिकों ने अपने साझेदार के साथ मिलकर ‘रेनोफ्लुथ्रिन’ विकसित किया है। यह भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित और पेटेंट किया गया मॉलिक्यूल है जो मच्छर नियंत्रण के लिए सबसे प्रभावी लिक्विड वेपोराइजर फॉर्मूलेशन बनाता है।
रेनोफ्लुथ्रिन से बने फॉर्मूलेशन भारत में वर्तमान में उपलब्ध लिक्विड वेपोराइजर फॉर्मेट में किसी भी अन्य पंजीकृत फॉर्मूलेशन की तुलना में मच्छरों के खिलाफ दोगुना प्रभावी है। घरेलू कीटनाशकों की श्रेणी में अग्रणी जीसीपीएल अपने नए गुडनाइट फ्लैश लिक्विड वेपोराइजर में रेनोफ्लुथ्रिन फॉर्मूलेशन पेश कर रहा है, जो भारत का सबसे प्रभावशाली लिक्विड वेपोराइजर है।

हाइली पोटेंट रिप्लेंट फॉर्मेट

हर दशक में मच्छरों से लड़ने के लिए नए मॉलिक्यूल फॉर्मूलेशन की जरूरत पड़ती है। पिछले इनोवेशन के 15 साल से ज्यादा समय बीतने के बाद, भारत में बड़ी संख्या में लोग मच्छरों को भगाने के लिए अगरबत्ती जैसे हाइली पोटेंट रिप्लेंट फॉर्मेट आजमाने लगे हैं, इनमें अपंजीकृत और अवैध चीनी विकसित मॉलिक्यूल का इस्तेमाल किया जाता है। इसने विभिन्न चैनलों से भारत में अपंजीकृत और अवैध चीनी पोटेंट रिप्लेंट मॉलिक्यूल की आमद को भी बढ़ावा दिया है।
जीसीपीएल ने हमेशा सुरक्षित और प्रभावी नए मॉलिक्यूल फॉर्मूलेशन लॉन्च करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। जीसीपीएल और उसके साझेदार ने ‘रेनोफ्लुथ्रिन’ और इसके फॉर्मूलेशन को विकसित करने के लिए 10 साल से ज़्यादा समय तक शोध और विकास में बड़े पैमाने पर निवेश किया। एक साझेदार द्वारा पेटेंट किए जाने के बाद, जीसीपीएल के पास मध्यम अवधि तक भारत में इस मॉलिक्यूल के विशेष उपयोग के अधिकार हैं।

भारत को आत्मनिर्भर बनाना

इस मॉलिक्यूल की सफलता पर टिप्पणी करते हुए गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के एमडी और सीईओ सुधीर सीतापति ने कहा, “इनोवेशन की 127 साल की विरासत के साथ गोदरेज ने भारत में कई घरेलू नवाचार पेश किए हैं। विशेष रूप से, हमने अगरबत्ती जैसे मच्छर भगाने वाले उत्पादों का व्यापक उपयोग देखा है, जिसमें विभिन्न चैनलों से भारत में प्रवेश करने वाले अपंजीकृत और अवैध चीनी मॉलिक्यूल शामिल हैं। रेनोफ्लुथ्रिन भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित मच्छर भगाने वाला मॉलिक्यूल है जो लोगों को अवैध मॉलिक्यूल वाले उत्पादों का उपयोग करने से रोकेगा। यह इनोवेशन भारत को आत्मनिर्भर बनाता है क्योंकि अब हमें अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मॉलिक्यूल का आयात नहीं करना पड़ेगा। रेनोफ्लुथ्रिन सबसे अधिक पाए जाने वाले मच्छरों जैसे एनोफिलीज, एडीज और क्यूलेक्स आदि के खिलाफ प्रभावी है।”

मच्छर जनित बीमारियां

एक प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञ और भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी (आइएपी) के वरिष्ठ सदस्य डॉ. समीर दलवई ने कहा, “मलेरिया और डेंगू जैसी मच्छर जनित बीमारियां न केवल गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करती हैं, बल्कि इनका इलाज जेब पर भी बड़ा बोझ है। इसलिए, मच्छरों के खिलाफ जबरदस्त सुरक्षा होना जरूरी है। इन बीमारियों से निपटने के लिए उपाय सुझाते समय मैं प्रभावकारिता, सुरक्षा और दीर्घकालिक विश्वसनीयता को प्राथमिकता देता हूं। रेनोफ्लुथ्रिन जैसे नए मॉलिक्यूल की शुरूआत मच्छर जनित बीमारियों को रोकने में मदद करेगी। रेनोफ्लुथ्रिन मलेरिया और डेंगू के लिए जिम्मेदार आम मच्छर प्रजातियों को लक्षित करते हुए कई स्तर पर सुरक्षा देता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Launch of Rasha from Azad ठंड में सर्दी -खांसी से बचाता है संतरा आंवला एक फायदे अनेक Ginger tea protects from cold Struggle is necessary to survive Hina