हाथरस हादसा: मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद, बाबा बोले ‘बहुत दुखी हूं, उपद्रवी बख्शे नहीं जाएंगे

लखनऊ। हाथरस में भोलेबाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के बाद प्रदेश सरकार आरोपियों पर लगातार कार्रवई कर रही है। मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर के दिल्ली में आत्मसमर्पण के बाद शनिवार सुबह पहली बार बाबा सामने आया और हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि उपद्रवियों को छोड़ा नहीं जाएगा। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने मायावती ने एक्स पर लिखे अपने पोस्ट में कहा कि गरीबों को भोलेबाबा जैसे बाबाओं के झांसे में नहीं आना चाहिए।

एफआईआर दर्ज होने के बाद हाथरस पुलिस मुख्य आरोपी मधुकर को यूपी के साथ राजस्थान और हरियाणा में तलाश करने का दावा कर रही थी, लेकिन उसने दिल्ली में सरेंडर किया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में मुख्य सेवादार मधुकर इकलौता नामजद आरोपी है। उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।

मुख्य आरोपी है मधुकर

वकील एपी सिंह ने बताया कि मधुकर बीमार है वह दिल्ली में इलाज करा रहा था। हम जांच में मदद करना चाहते हैं। बता दे ​कि सत्संग के लिए मधुकर ने ही प्रशासन से मंजूरी ली थी। कार्यक्रम का मुख्य आयोजनकर्ता भी वही था। उस पर गैर इरादतन हत्या, सबूत मिटाने समेत भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज है। हाथरस भगदड़ के बाद सूरज पाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार विश्व हरि पहली बार मीडिया के सामने आया है। बाबा ने मीडिया के सामने बयान दिया है। उसने कहा है कि दो जुलाई की घटना से बहुत दुखी हूं। बाबा ने कहा कि भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दे। सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ ने कहा कि कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें। मुझे विश्वास है कि जिसने भी अराजकता फैलाई है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई

पूर्व सीएम मायावती ने भगदड़ में 121 लोगों की मौत को अति-चिंताजनक बताया है। उन्होंने बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की अपील भी की है। मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि “देश में गरीबाों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अन्धविश्वास व पाखंडवाद के बहकावे में आकर अपने दुख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए”, यही सलाह। उन्होंने आगे लिखा कि बल्कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्तों पर चलकर इन्हें सत्ता खुद अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी अर्थात् इन्हें अपनी पार्टी बीएसपी से ही जुड़ना होगा, तभी ये लोग हाथरस जैसे कांडों से बच सकते हैं जिसमें 121 लोगों की हुई मृत्यु अति-चिंताजनक।

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