बरेली। अपनी तेज तर्रार कार्यशैली और मऊ से माफिया मुख्तार अंसारी के साम्राज्य को तबाह करने वाले एसएसपी अनुराग आर्य को अब बरेली में कानून का राज्य स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से बरेली में एक के बाद एक गैर कानूनी को कार्य को अंजाम दिया गया, जिससे प्रदेश सरकार की काफी किरकिरी हुई, इसलिए बरेली के माफिया राज को समाप्त करने की जिम्मेदारी अनुगराग आर्य के कंधे पर सीएम योगी ने डाली। बरेली में केवल माफिया ही नहीं सफेद पोश अपराधियों से निपटना होगा उन्हें।
अवैध बूचड़खानों पर की थी कार्रवाई
2013 बैच के आईपीएस अनुराग आर्य बागपत के मूल निवासी हैं। वह 2019 में सबसे पहले मऊ में एसएसपी बने थे। अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई के लिए उन्हें जाना जाता है। उन दिनों वहां माफिया मुख्तार अंसारी व उसके गुर्गों का आतंक था, जिसे उन्होंने कुचल दिया। करीब ढाई साल से वह आजमगढ़ के एसपी हैं।बरेली में उन्हें स्मैक तस्करी से लेकर भूमाफिया,खनन जैसे धंधों पर अंकुश लगाना उनकी प्राथमिकता होगी। वह बुधवार शाम तक बरेली आ जाएंगे।
सुशील चंद्रभान को मिली अहम जिम्मेदारी
निवर्तमान एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान यहां 11 माह तक तैनात रहे। हालिया बवाल की वजह से उनका तबादला किया गया है, पर विभागीय स्तर पर कहा जा रहा है कि उन्हें बेहतर काम का इनाम मिला है। वर्ष 2012 बैच के आईपीएस घुले सुशील चंद्रभान 30 जुलाई 2023 को उस वक्त जिले के कप्तान बनाए गए थे जब कांवड़ यात्रा के दौरान जोगी नवादा में बवाल हो गया था। तत्कालीन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने लाठीचार्ज करा दिया था। घुले ने माहौल को संभाला। भ्रष्टाचार के मामलों में उन्होंने प्रभाकर चौधरी से ज्यादा कार्रवाई की। पिछले सप्ताह हुए बवाल में घंटे भर फायरिंग के वीडियो वायरल हुए तो शासन व डीजीपी ने रिपोर्ट तलब की थी। प्रभारी एडीजी डॉ. राकेश सिंह ने यह रिपोर्ट शासन को भेजी थी। एसएसपी के ट्रांसफर को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है।
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