बरेली। बरेली में पहली बार एक साथ आठ लोगों को हत्या और डकैती के मामले में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई, वहीं लूट का सोना खरीदने वाले सर्राफ को उम्रकैद की सजा सुनाई। स्पेशल जज फॉस्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने बृहस्पतिवार को सभी दोषियों को सजा सुनाई।
बता दें कि इस हत्या में शामिल छैमार गैंग ने 21 अप्रैल 2014 को डकैती के लिए घर में घुसकर महिला और उसकी बेटे- बहू की हत्या की थी। जिसकी जानकारी उसके बेटे सुरेश शर्मा निवासी रविकांत मिश्रा को समय पता चली जब वह घर में हालचाल जानने के लिए फोन किया और फोन नहीं उठा तो उन्होंने घर पहुंचकर देखा तो पूरा सामान बिखरा पड़ा था, मां, भाई और भाभी की लाश घर में पड़ी थी, तीनों की बड़ी बेरहमी से हत्या की गई थी। हत्यारे गैलरी में खिड़की तोड़कर अंदर गए थे। घर का सामान लूटने के बाद पुष्पा देवी, योगेश मिश्रा और प्रिया की हत्या की थी।
इन्हें सुनाई फांसी की सजा
इस मामले में पुलिस ने अभियुक्तगण वाजिद, हसीन, यासीन उर्फ जीशान, नाजिमा, हाशिमा, राजू वर्मा, समीर उर्फ साहिब उर्फ नफीस, जुल्फास व जहीर उर्फ शंकर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। स्पेशल जज फॉस्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर ने चार मार्च को सभी नौ अभियुक्तों को दोषी करार दिया। बृहस्पतिवार को उन्हें सजा सुनाई गई। आठ बदमाशों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। लूट का सामान खरीदने वाले सुनार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
ऐसे पकड़े गए थे हत्यारोपी
तिहरे हत्याकांड के बाद पुलिस हत्यारों तक पहुंचने के लिए दिन रात पसीना बहा रही थी, इसी बीच छैमार डेरों पर बिथरी के उमरिया गांव में नदी के किनारे दबिश दी थी। एक व्यक्ति और दो महिलाएं मिलीं। तलाशी में चार चांदी के सिक्के बरामद हुए। पैंट की जेब से एक पर्स मिला। इसमें गुप्ता पौली क्लीनिक का पर्चा मिला जिसमें पुष्पा देवी का नाम ऊपर लिखा था। दूसरे कागज पर आयकर विभाग योगेश मिश्रा लिखा हुआ था।
पकड़ी गयी महिलाओं ने अपना नाम नाजिमा उर्फ कल्लो पत्नी हसीन, दूसरी ने हाशिमा पत्नी यासीन बताया था। व्यक्ति ने अपना नाम वाजिद बताया था। पर्स को देखने पर विजय देव मिश्रा ने रोते हुए बताया कि यह मेरे भाई योगेश का है। वाजिद सख्ती से पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर घटनाक्रम का खुलासा किया था। वाजिद ने बताया था कि सब्बल के सहारे खिड़की की ग्रिल हटाकर घर में घुसे थे।
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