● स्वयं सहायता समूह को बाजार और 5 लाख अनुदान दे सरकार
● जमीन अधिकार के लिए सीतापुर में चलेगा अभियान
● सिधौली के अंबेडकर पार्क में एजेंडा यू. पी. का हुआ सम्मेलन
● 1 करोड़ लखपति दीदी की घोषणा महज प्रोपेगेंडा
26 फरवरी, 2024, सिधौली/सीतापुर। केंद्र सरकार द्वारा देश में एक करोड़ लखपति दीदी बनाने की बजट में की गई घोषणा महज प्रोपेगेंडा है। सच्चाई यह है कि अभी भी महिलाओं के स्वयं सहायता समूह आत्मनिर्भर नहीं बन सके हैं और महिलाओं की आजीविका उनसे पूरी नहीं हो रही है। इसलिए सरकार को तत्काल महिला स्वयं सहायता समूहों को ₹5 लाख का अनुदान और उनके पैदा किए हुए उत्पाद के लिए बाजार की व्यवस्था करनी चाहिए। यह मांग आज सिधौली के अंबेडकर पार्क में एजेंडा यू. पी. के सम्मेलन में उठी। सम्मेलन के बाद तहसीलदार आलोक कुमार ने ज्ञापन लिया और आश्वासन दिया कि मनरेगा, स्वयं सहायता समूह, पेंशन, आधार सत्यापन आदि कामों में जो शिकायतें हैं उसको तत्काल हल किया जाएगा। सम्मेलन में सैंकड़ो की संख्या में महिलाएं शामिल रही। आयोजन में वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार भगवती प्रसाद अग्निहोत्री को सम्मानित किया गया।
सम्मेलन में मुख्य वक्ता पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद ने कहा कि एजेंडा यूपी के तहत प्रदेश के विभिन्न विचार समूहों के लोगों ने हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, दलित-अति पिछड़े भूमिहीनों को एक एकड़ आजीविका के लिए जमीन व आवासीय भूमि देने, शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाने, मजदूर विरोधी लेबर कोड वापस लेने की मांग को उठाया है और सीतापुर में भी सभी को मिलकर इस अभियान को तेज करना होगा।
ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि मोदी की सरकार कॉर्पोरेट की एजेंट बनी हुई है। देश की 77 प्रतिशत संपत्ति महज 10 परसेंट कॉर्पोरेट घरानों के हाथों में है। उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टर समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिए पूंजी निवेश और रोजगार का जो भी माहौल बनाया जा रहा है सच्चाई यही है कि सीतापुर समेत तमाम इलाकों से लोगों का पलायन हो रहा है और बेहद कम मजदूरी में 12 घंटा काम करने में लोग मजबूर हो रहे हैं। हालत इतनी बुरी है कि प्रदेश से पूंजी तक का पलायन हो रहा है। इसके खिलाफ एक बड़ी गोलबंदी वक्त की जरूरत है।
मजदूर किसान मंच के प्रदेश महामंत्री डॉ बृज बिहारी ने कहा की मनरेगा में लगातार बजट में कटौती की गई है और ऐसे प्रावधान बना दिए गए हैं जिसके कारण वह अपनी अंतिम सांसे गिन रही है। सीतापुर में ही तमाम गांव में काम के आवेदन डाले गए लेकिन आवेदन पर कार्यवाही नहीं हुई। इसलिए प्रशासन को बेकारी भत्ते का प्रबंध करना चाहिए।
मजदूर किसान मंच की प्रदेश उपाध्यक्ष सुनीला रावत ने कहा कि सीतापुर में बहुत बड़े पैमाने पर ग्राम सभा में बंजर, परती की जमीन है जिसे गरीबों में वितरित किया जाना चाहिए।
सभा को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष मनीष यादव ने कहा की सरकार को किसानों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी के लिए कानून बनाने के अपने वादे को पूरा करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता आईपीएफ संयोजक गया प्रसाद व संचालन संतराम रावत ने किया।
इस मौके पर आर0पी0 गौतम, रामबली, इरफान, ज्योती आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।