लखनऊ। हिंदू धर्म के आराध्य देव प्रभु श्रीराम लोगों के मन में ऐसे रचे—बसे है कि लोग मंदिर निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। ऐसे ही एक भक्त है प्रतापगढ़ निवासी,जिन्होंने मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट का फैसला आने से पहले ही अपना खेत बेचकर और कर्ज लेकर एक करोड़ राशि मंदिर निर्माण के लिए दान दी थी। उनके जैसे न जाने कितने लोगों ने सहयोग दिया, तब जाकर प्रभु का भव्य मंदिर आज बनकर तैयार है, जिसमें 22 जनवरी को श्रीराम विराजमान होंगे।
प्राणप्रतिष्ठा में बुलाया गया
दानदाताओं की सूची पर नजर डाले तो कोर्ट का फैसल आने से करीब एक साल प्रतापगढ़ निवासी सियाराम गुप्ता ने राममंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये दान दे दिया था। इन्हें दान करे वालों में पहले नंबर रखा गय है, क्योंकि इनकी तरफ से पहला दान दिया गया था, इसलिए से उन्हें राममंदिर की प्राणप्रतिष्ठा में बुलाया गया है। इससे सियाराम गदगद हैं। उनका कहना है कि प्रभु राम आ गए। 500 वर्षों के बाद उन्हें अपना घर मिल रहा है। मेरा तो जीवन धन्य हो गया। अयोध्या में रामजन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नवंबर 2019 में आया था, फिर श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र से निधि समर्पण का अभियान चलाया। लेकिन सियाराम गुप्ता ने अक्तूबर 2018 में ही राममंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये का चेक आरएसएस काशी प्रांत को दे दिया था।
जमीन बेची, बच्चों से लिया उधार
अयोध्या में राममंदिर के लिए धनराशि जुटाने वाले सियाराम ने अपनी 16 बिस्वा जमीन बेच दी थी। 15 लाख रुपये कम पड़े तो बेटे, बेटी और रिश्तेदारों से उधार लिया। एक करोड़ रुपये दान देने का संकल्प पूरा किया। सियाराम को भरोसा था कि अयोध्या में भव्य और दिव्य राममंदिर बनेगा। इसलिए पहले ही दान देने का फैसला कर लिया। वह कहते हैं कि दान देकर भूल गया था। किसी तरह के प्रचार-प्रसार की मंशा नहीं थी।
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