भोपाल। बीजेपी हाईकमान ने एक बार फिर पूरे देश को चौंका दिया, अभी तक नेपथ्य में रहने वाले ओबीसी वर्ग के मोहन यादव को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर उन तमाम कयासों पर विराम लगा दिया जो चुनाव से पहले हवा में तैर रहे थे। न तो चुनाव लड़ने वाले किसी सांसद को कमान दी और न ही किसी ग्रुप को बल्कि एक नए नाम को आगे करके विपक्ष के हाथ से एक और मुदृदा छिन लिया। छत्तीसगढ़ में आदिवासी नेता को कमान सौंपने के बाद मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के मोहन यादव को मुख्यमंत्री तो ब्राह्मण समुदाय के राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा अनुसूचित जाति को उपमुख्यमंत्री बनाया है।
उच्च शिक्षामंत्री रहे मोहन यादव
शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने काफी संघर्ष के बाद राजनीति में मुकाम हासिल किया है। छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत करने वाले मोहन यादव बीजेपी के स्थापित नेता हैं, उज्जैन संभाग के बड़े नेताओं में उनकी गिनती होती है।
मोहन यादव 2 जुलाई 2020 को शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे, उनको उच्च शिक्षा मंत्री का कामकाज सौंपा गया था। यादव की छवि हिंदुवादी नेता की रही है, 25 मार्च 1965 को उज्जैन में जन्मे मोहन यादव ने विक्रम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।
हाल के 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मोहन यादव ने कांग्रेस उम्मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव के खिलाफ 12,941 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी और उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से एक बार फिर विधायक चुने गए. इस जीत ने विधायक के रूप में उनका लगातार तीसरा कार्यकाल तय किया, जिसमें उन्हें 95,699 वोट मिले.उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र, जो मालवा उत्तर क्षेत्र का हिस्सा है और उज्जैन लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। 2003 से यहभाजपा के लिए एक गढ़ रहा है।
तीन मुख्यमंत्रियों के साथ किया काम
जगदीश देवड़ा (कैबिनेट)- जगदीश देवड़ा का जन्म 1957 में मंदसौर जिले के रामपुरा गांव में हुआ।1990 में पहली बार विधायक बने थे।1993 में दूसरी बार विधायक बनें वह अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं। 2003 में उमाभारती मंत्रीमंडल में राज्य मंत्री बनें थे।2004 में बाबू लाल गौर और 2008 में शिवराज मंत्रीमंडल में मंत्री बनाए गए थे।
विकास पुरुष है राजेंद्र शुक्ला
राजेंद्र शुक्ला मध्य प्रदेश के नए उपमुख्यमंत्री होंगे। वह विन्ध्य के पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल रही है। वह लगातार पांचवीं बार रीवा से विधायक निर्वाचित हुए हैं। बड़े ब्राह्मण चेहरा हैं, साफ-सुथरी छवि है विकास पुरुष के नाम से जाने जाते हैं। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का जन्म 3 अगस्त 1964 को रीवा में हुआ था।
उनके पिता भैयालाल शुक्ला एक ठेकेदार और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। युवावस्था में ही नेतृत्व के गुण विकसित होने के कारण वे 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे। वह 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष थे। उन्होंने 1998 के विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़कर राजनीति में अपनी जगह बनाई।
समर्थकों ने की नारेबाजी
भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बंद कमरे में बैठक हुई, जबकि दफ्तर के बाहर नारेबाजी चल रही थी। अधिकांश नारे लगाने वाले कार्यकर्ता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विधायक प्रह्लाद पटेल के समर्थक है।इस बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, पर्यवेक्षक और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण एवं पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा के साथ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद में शामिल हैं।