नईदिल्ली। हिन्दी पट्टी के तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में वैसे मुकाबला तो कांग्रेस और भाजपा में ही था, लेकिन सपा, बसपा और जैसी पार्टियों ने भी लंबी तैयारी करके मैदान में अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन भगवा ब्रिगेड की आंधी में सपा, बसपा और आप का खाता तक नहीं खुला। इन सबके बीच तीन महिने पहले बनी पार्टी बाप ने एमपी में एक और राजस्थान में तीन सीट पर विजय हासिल करके सबकों चौंका दिया।
काम नहीं आया केजरीवाल का मॉडल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के सीएम भगवंत मान सिंह को लेकर एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में खूब रोड शो के साथ ही सभाएं की थी, लेकिन उनका दिल्ली मॉडल मतदाताओं को रिझाने में फेल रहा है। दरअसल आम आदमी पार्टी शराब नीति के घोटाले को लेकर जो दाग लगा है, वह उनकी छवि को दागदार बना दिया है, उनके द्वारा कराए गए हर काम अब उनके घोटालों पर भारी पड़ रहे हैं। इसके साथ ही बीजेपी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जो जंग छेड़ी है उसकी जद में पूरी आप समाती दिख रही है, एक—एक करके उसके नेता जेल में जाते दिख रहे है।
जातिवात की राजनीति ने दम तोड़ा
यूपी में जातिवाद की राजनीति करने वाली सपा-बसपा ने एमपी में भी जातिवाद की राजनीति को हवा देने की खूब कोशिश की, लेकिन भाजपा की लोकप्रिय नीतियों के आगे उनकी यह रणनीति काम नहीं आई। सपा ने कांग्रेस से भाव नहीं मिलने पर साठ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे,लेकिन एक भी सीट पर जीत नहीं नसीब हो सकी, इसी तरह बसपा ने भी गोंडवाना पार्टी के साथ समझौता करके प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन इस गठबंधन का भी खाता नहीं खुला, इन सबके इतर बाप ने खाता खोलकर सबकों चौका दिया। अखिलेश यादव ने कांग्रेस की हार पर एक्स पर पोस्ट किया यह कमलनाथ बमलनाथ कौन है, दरअसल अखिलेश यादव को अपनी हार से ज्यादा कांग्रेस की हार से खुशी है, इसलिए वह अपनी हार पर मंथन करने की जगह, कांग्रेस की हार पर तंज कस रहे है।