मथुरा। बीजेपी अपने एजेंडे पर लगातार आगे बढ़ रही हैं, काशी, अयोध्या के बाद मथुरा के विकास के अपने वचन को पूरा करने जा रही है। इसी मदृदेनजर पहली बार मथुरा में कोई प्रधानमंत्री आ रहा है। बता दे कि अब तक कोई प्रधानमंत्री श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर नहीं गया, मोदी पहली बार वहां पहुंचकर देश को एक बड़ा संदेश देना चाहते है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री का मथुरा दौरा 2024 लोकसभा चुनाव का रोडमैप बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मथुरा के जीर्णोंद्धार की बात कही थी, जिसे पूरा करने के लिए सरकार ने पूरी मेहनत की, जिसका नतीजा है कि कोर्ट ने मथुरा कॉरिडोर के निर्माण को हरि झंडी दे दी। मीराबाई की 525वीं जयंती मना कर राजस्थान को भी साधने की कोशिश है। प्रधानमंत्री मोदी के पहुंचने से पहले एसपीजी ने मथुरा में डेरा डाल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम के दौरान हेमा मालिनी का सांस्कृति कार्यक्रम देखेंगे।
इतने बजट की दरकार
बांके बिहारी कॉरिडोर का रास्ता साफ होने के बाद अब प्रशासन बजट की ओर टकटकी लगाए हुए है। बजट की मंजूरी के बाद ही प्रशासन जमीन अधिग्रहण से लेकर आगे की अन्य कार्रवाई की ओर कदम बढ़ा सकेगा। इसके लिए 300 करोड़ रुपये का बजट जमीन अधिग्रहण के लिए चाहिए। इसके बाद 505 करोड़ रुपये कॉरिडोर निर्माण के लिए चाहिए। बांके बिहारी मंदिर के जीर्णोद्धार पर करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन लगाया जा रहा है। प्रशासन को अंदेशा है कि पूरे प्रोजेक्ट में करीब एक हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। संभव है कि पीएम मोदी राज्य सरकार की मदद करते हुए केंद्र सरकार से इस प्रोजेक्ट के लिए विशेष बजट का ऐलान कर दें।
मीराबाई की 525वीं जयंती
मीराबाई की 525वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कान्हा की जन्मस्थली पहुंचेगे।सांसद हेमामालिनी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा बांकेबिहारी कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ करने पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि कॉरिडोर के बनने से रास्ते चौड़े और साफ हो जाएंगे, जिससे लाखों श्रद्धालुओं को ठाकुर बांकेबिहारी के अच्छी तरह से बिना किसी अड़चन के दर्शन होंगे, जमीन अधिग्रहण की दिशा में विचार करने में जुट गया है। 300 के करीब निर्माणों को हटाने के लिए चिह्नित पहले ही किया जा चुका है।
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