यह कैसा गठबंधन: सपा को कमजोर करने में जुटी कांग्रेस, लखीमपुर खीरी के बड़े नेता छोड़ेंगे साइकिल की सवारी

लखनऊ। वैसे तो राजनीति और जंग में सबकुछ जायज होता है, लेकिन जब लड़ाई मिलकर लड़नी है तो एक-दूसरे का ध्यान रखा जाता है, लेकिन यूपी में सपा कांग्रेस के बीच यह वाली कहावत सटीक नहीं बैठ रही है। क्योंकि दोनों दलों अपने- अपने को मजबूत करने के चक्कर में एक—दूसरे की ही नींव खोदने में लगे है। कांग्रेस मुस्लिमों को अपने पाले में करने के लिए​ दिन रात उनके सपा के बड़े नेताओं को साधने में जुटी हुई है। इमरान प्रतापगढ़ी के बाद इमरान मसूद समेत कई दिग्गजों को साध रही। इसके साथ ही लखीमपुरखीरी के बड़े नेता रवि प्रकाश वर्मा को कांग्रेस की सदस्यता आने वाले दिनों में दिलाने जा रही है। इसका असर लगभग एक दर्जन सीटों पर पड़ेगा।

कुर्मी मतदाता को जोड़ने की तैयारी

रवि वर्मा कुर्मी बिरादरी के बड़े ही प्रभावशाली नेता माने जाते है, वह खीरी सीट से तीन बार लोकसभा व एक बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं। लखीमपुर खीरी के गोला निवासी वर्मा सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। माता-पिता समेत वर्मा का परिवार खीरी लोकसभा क्षेत्र का 10 बार प्रतिनिधित्व कर चुका है। 2019 में सपा ने महागठबंधन के तहत लोकसभा का पहला टिकट उनकी बेटी पूर्वी वर्मा को दिया था। हालांकि वह चुनाव हार गई थीं। पिछले काफी दिन से वर्मा ने सपा से दूरी बना ली थी। सूत्रों का कहना है कि वह छह नवंबर को कांग्रेस में शामिल होंगे।इससे सपा को तगड़ा झटका लगेगा।

इन सीटों को करेंगे प्रभावित

रवि प्रकाश की पहचान दिग्गज कुर्मी नेताओं में होती है। उनके कांग्रेस के पाले में आने से खीरी ही नहीं बल्कि धौरहरा, सीतापुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर बाराबंकी आदि लोकसभा क्षेत्रों पर भी असर पड़ेगा। इन लोकसभा क्षेत्रों की अलग-अलग विधानसभा सीटों में कुर्मी समाज निर्णायक भूमिका में हैं। अकेले खीरी में पिछड़े वर्ग की करीब 35 प्रतिशत आबादी में कुर्मी की संख्या सर्वाधिक है। गोला निवासी रवि प्रकाश वर्मा तीन बार लोकसभा और एक बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं।

इसे भी पढ़ें..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Janhvi Kapoor ready to sizzle Manushi Chhillar is the new face of ‘Race 4’ Benefits of eating raw garlic Launch of Rasha from Azad ठंड में सर्दी -खांसी से बचाता है संतरा