नवेद शिकोह, लखनऊ: दुनिया में सनातन का चेहरा चमक गया। प्रयागराज के संगम पर 67 करोड़ जनसमागम ने साबित कर दिया कि भारत में आस्था की ताकत लोकतंत्र से भी ताकतवर है। लोकसभा चुनाव में देश के 64 करोड़ लोगों ने मतदान किया, जबकि प्रयागराज के संगम पर श्रद्धालुओं की तादाद इससे अधिक रही। देश की जनता ने संदेश दे दिया कि आस्था भारत की सबसे बड़ी ताकत है।
पुलिसकर्मियों ने चेहरे की चमक त्याग दी
MahaKumbh ने साबित कर दिया कि भारत के संस्कार,संस्कृति, एकाग्रता, एकजुटता और आध्यात्मिक शक्ति दुनिया में सबसे शक्तिशाली है। इस महाआयोजन के सफलतम ऐतिहासिक रिकाॅर्ड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारों की सनातन के प्रति प्रतिबद्धता को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से पूरा किया। विश्व के सबसे बड़े अनुष्ठान की विश्वविख्यात सफलता से भारत गौरवांवित हुआ और सनातन धर्म का चेहरा चमक उठा। इस अनुष्ठान के तप में जान की बाजी लगाकर अधिकारियों -कर्मचारियों, सफाईकर्मियों , पुलिसकर्मियों ने अपने चेहरे की चमक त्याग दी। महाकुंभ समापन के बाद मुख्यमंत्री के विश्वसनीय और करीबी अफसरों में शामिल निदेशक सूचना शिशिर जी की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें उसका चेहरा बेहद थका हुआ और बीमार सा लग रहा है।
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इस भव्य और दिव्य महाआयोजन से पहले इसकी तैयारियों के बीच भी निदेशक सूचना द्वारा बाइक पर सवार होकर दिनों मेला स्थल के चप्पे-चप्पे की व्यवस्था की निगरानी करने की तस्वीर भी वायरल हुई थी। 12 जनवरी को भड़ास फॉर मीडिया की वायरल खबर में लिखा था कि स्वास्थ्य संबंधित कई समस्याओं के बाद भी निदेशक सूचना का परिश्रम, जुनून और जज्बा कर्तव्य पथ के इस अनुष्ठान के तप में अपने स्वास्थ्य तक की आहूति देते दिख रहा है।
कर्तव्य निष्ठा में खरे उतरे
बताते चलें कि योगी सरकार की आठ वर्षों की तमाम उपलब्धियों में महा उपलब्धि बने महाकुंभ की सफलता में सूचना और सुरक्षा तंत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इत्तेफाक कि गृह और सूचना विभाग मुख्यमंत्री के पास है। और इन महत्वपूर्ण विभागों के जिम्मेदार अफसर बेहद जुझारू कर्तव्य निष्ठा में खरे उतरते रहे हैं। महाकुंभ समापन के बाद मुख्यमंत्री के करीबी कहे जाने वाले निदेशक सूचना शिशिर के बेहद थके चेहरे की तस्वीर वायरल होने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स तमाम तरीके के कमेंट कर रहे है। किसी ने शिशिर के थके चेहरे की तस्वीर देखकर लिखा कि देश के नौकरशाही को समझ लेना चाहिए है कि योगी आदित्यनाथ जैसे मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र और करीबी बनने के लिए ए.सी. छोड़कर ऐसा बनना पड़ता है। अफसरों को अफसरों की तरह ए सी में दिमाग और विवेक से ही काम नहीं करना पड़ता जमीन पर मजदूरों की तरह काम करके चेहरे की चमक खो देते हैं योगी के अफसर। तब कहीं जाकर सनातन का चेहरा चमकता है।
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