वाराणसी। यूपी के वाराणसी जिले से विजिलेंस की टीम ने एक निर्माण निगम के अफसर को पकड़ा है, उसके पास से अकूत कमाई के प्रमाण मिले है। अब तक मिले साक्ष्य के आधार पर उसके नाम 13 मकान और 1.20 करोड़ के निवेश और 6 बैंक के खातों के बारे में की जानकारी सामने आई है। उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम प्रयागराज के अपर परियोजना प्रबंधक (विद्युत इकाई) और वाराणसी के इकाई प्रभारी रहे मनोज यादव के तीन ठिकानों पर शनिवार को सतर्कता अधिष्ठान ने सर्च ऑपरेशन चलाया। वाराणसी, मसूरी और देहरादून में वाराणसी सेक्टर की तीन टीमों के सर्च आपरेशन के दौरान काफी निवेश के प्रमाण मिले है।
अवैध चल-अचल संपत्ति
विजिलेंस की कार्रवाई के दौरान करोड़ों रुपये की अवैध चल-अचल संपत्ति और बैंक खातों का भी पता चला है। इसके संबंध में विस्तृत जांच कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। राजकीय निर्माण निगम, वाराणसी का इकाई प्रभारी रहा मनोज यादव मूल रूप से चोलापुर थाना क्षेत्र के रामगांव पलहीपट्टी का मूल निवासी है। मनोज यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की रिपोर्ट सतर्कता अधिष्ठान के वाराणसी सेक्टर की ओर से शासन को भेजी गई थी। शासन के निर्देश पर मनोज यादव के खिलाफ 25 जुलाई 2024 को सतर्कता अधिष्ठान के वाराणसी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया गया था।
आयकर विभाग कर रहा जांच
मुकदमे की विवेचना के दौरान विवेचक ने पाया कि वाराणसी में लालपुर, उत्तराखंड के देहरादून में नत्थनपुर और मसूरी में एंटलर्स कार्टेज बाला हिसार रोड पर मनोज के मकान हैं। इस पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन न्यायालय से सर्च वारंट प्राप्त कर सतर्कता अधिष्ठान के वाराणसी सेक्टर की तीन टीम ऑपरेशन के लिए गठित की गई। सर्च ऑपरेशन में जो जेवर मिले हैं, उनका मूल्यांकन आयकर के वैल्यूअर से कराया जा रहा है।सर्च ऑपरेशन में वाराणसी स्थित मनोज के मकान में दो चारपहिया वाहन और तीन दोपहिया वाहन मिले। घर की तलाशी के दौरान जमीन के तीन रजिस्ट्री प्रपत्र मिले। उनमें से एक देहरादून स्थित 2000 स्क्वायर फीट जमीन में तीन मंजिला मकान और दूसरा मसूरी स्थित 2652 स्क्वायर फीट जमीन में मकान से संबंधित था। तीसरा लखनऊ स्थित सुशांत गोल्फ सिटी में 4133 वर्ग फीट जमीन का है।
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